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बिहार : सभी जिलों में गठित होगा दंगा निरोधक दस्ता, ट्रायल को छह कंपनियां तैयार, ये होगा फायदा
आरएएफ की तर्ज पर राज्य ने गठित किया यह दंगा निरोधक दस्ता पटना : राज्य में दंगा या इस तरह की किसी विशेष हंगामा की स्थिति को तुरंत नियंत्रित करने के लिए केंद्र की आरएएफ (रैपीड एक्शन फोर्स) की तर्ज पर दंगा निरोधक दस्ता का गठन किया जा रहा है. इस दंगा निरोधक दस्ता (एआरएफ […]
आरएएफ की तर्ज पर राज्य ने गठित किया यह दंगा निरोधक दस्ता
पटना : राज्य में दंगा या इस तरह की किसी विशेष हंगामा की स्थिति को तुरंत नियंत्रित करने के लिए केंद्र की आरएएफ (रैपीड एक्शन फोर्स) की तर्ज पर दंगा निरोधक दस्ता का गठन किया जा रहा है. इस दंगा निरोधक दस्ता (एआरएफ या एंटी रॉयट फोर्स) को ट्रायल के तौर पर छह कंपनी का गठन किया गया है. इन कंपनियों को अलग-अलग पुलिस रेंज में तैनात किया गया है.
इसमें दो कंपनी मुजफ्फरपुर, दो दरभंगा, एक-एक भागलपुर और पटना में हैं. इसके सकारात्मक परिणाम को देखते हुए एआरएफ के एक-एक दस्ता का गठन सभी जिलों में करने की योजना है. इस योजना को अंतिम रूप देने के लिए पुलिस मुख्यालय के स्तर पर मंथन चल रहा है. यह भी संभावना व्यक्त की जा रही है कि जल्द ही सभी जिलों में इसके गठन से संबंधित प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.
इसका तरह का है एआरएफ: राज्य का एआरएफ को केंद्र के आरएएफ की तर्ज पर तैयार किया गया है. आरएएफ बल सीआरपीएफ के अधीन आता है और इसे खासतौर से दंगा या इस तरह की किसी आंतरिक परिस्थिति को नियंत्रित करने के लिए तैयार किया गया है.
इनकी ट्रेनिंग भी कुछ इसी तरह से दी गयी है, ताकि किसी आंतरिक समस्या को कम से कम समय में नियंत्रित करने में ये कारगर हो. एआरएफ को भी इसी तरह से तैयार किया गया है. इसमें चुने गये जवानों की ट्रेनिंग भी आरएएफ से दिलायी गयी है.
कई जवानों की टोली हाल में ट्रेनिंग करके लौटी भी है. कुछ जवानों की टोली ट्रेनिंग पर जाने की तैयारी में हैं. इसमें खासतौर से फिजिकल फिट और कम उम्र के जवानों की तैनाती की गयी है. इन्हें हर तरह से मजबूत करने के लिए आधुनिक हथियारों, विशेष ट्रेनिंग समेत अन्य सभी मूलभूत संसाधनों से लैस किया जा रहा है.
इन छह कंपनियों के बाद जब हर जिले में इसके गठन की कवायद शुरू होगी, तो इस तरह के ट्रेंड जवानों की अधिक कंपनियां तैयार की जायेंगी. शुरू में इनकी 10 कंपनियां तैयार करने की योजना है. इसमें जवानों का चयन हाल में नवचयनित बैच के सिपाहियों के समूह से किया जायेगा.
ये होगा इससे सबसे बड़ा फायदा
राज्य का अपना एआरएफ तैयार होने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि किसी भी आपात या दंगा की स्थिति में केंद्र पर निर्भरता काफी कम हो जायेगी. आरएएफ की कंपनी मंगवाने और इसके लिए अपनायी जाने वाली बेहद लंबी-चौड़ी प्रक्रिया नहीं करनी होगी.
राज्य को आर्थिक रूप से बचत भी होगी, क्योंकि इन कंपनियों के लिए अच्छी खासी राशि भी केंद्र सरकार को जमा करनी होती है. यह राशि इनकी संख्या और राज्य में इनके प्रवास समय पर निर्भर करता है. बिहार के हर पर्व और बड़े त्योहारों में करीब दो दर्जन स्थानों या शहरों में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जिसे नियंत्रित करने के लिए आरएएफ की तैनाती करना मजबूरी होती है.
फिलहाल राज्य में छह कंपनी दंगा निरोधक दस्ता का गठन कर लिया गया है. जिन्हें जरूरत के हिसाब से अलग-अलग रेंज में तैनात किया गया है. सभी जिलों में एक-एक इस दस्ता का गठन करने की योजना पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जा रहा है.
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