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बिहार : सूचना नहीं देनेवाले इंटरमीडिएट संस्थानों में नामांकन पर लग सकती है रोक, जानें
पटना : नये सत्र में 11वीं कक्षा में ऑनलाइन नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ करने के लिए अब तक राज्य भर के 1100 इंटरमीडिएट शिक्षण संस्थानों ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) की वेबसाइट पर आवश्यक सूचना उपलब्ध करायी है. राज्य भर के शेष 2206 संस्थानों ने अब तक सूचना अपलोड नहीं की है. जबकि […]
पटना : नये सत्र में 11वीं कक्षा में ऑनलाइन नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ करने के लिए अब तक राज्य भर के 1100 इंटरमीडिएट शिक्षण संस्थानों ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) की वेबसाइट पर आवश्यक सूचना उपलब्ध करायी है. राज्य भर के शेष 2206 संस्थानों ने अब तक सूचना अपलोड नहीं की है. जबकि सूचना अपलोड करने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल थी.
सूचना नहीं अपलोड करनेवाले संस्थानों को 12 मई तक का समय दिया गया है. इस तिथि तक वे सूचना अपलोड नहीं करते हैं, तो नये सत्र में 11वीं कक्षा में उनके यहां नामांकन पर रोक लगाने के साथ ही मान्यता निलंबित करने की कार्रवाई की जा सकती है. इसके लिए संबंधित प्राचार्य जिम्मेदार होंगे. यह जानकारी बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने दी. उन्होंने बताया है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को शेष संस्थानों के प्राचार्यों से संपर्क कर 12 मई तक हर हाल में वेबसाइट www.biharboard.ac.in पर सूचना अपलोड कराने का निर्देश दिया गया है.
इसके अलावा समिति द्वारा पत्र के माध्यम से सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीइओ) से संबंधित जिले की सूचना की मांगी गयी है. ताकि यह स्पष्ट हो सके कि किस जिले में वांछित सूचना को बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड नहीं करने वाले इंटर स्तरीय शिक्षण संस्थानों की कुल संख्या कितनी है. उसमें कितने अंगीभूत कॉलेज, उत्क्रमित सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय, गैर सरकारी डिग्री कॉलेज एवं गैर सरकारी इंटर कॉलेज शामिल हैं.
बढ़ेगा मैट्रिक और इंटर के परीक्षकों का मानदेय
पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) मैट्रिक व इंटरमीडिएट परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन के एवज में परीक्षकों को दिये जानेवाले मानदेय में वृद्धि करेगी. इसके साथ ही परीक्षा कार्य से जुड़े अन्य पारिश्रमिक में भी वृद्धि की जा सकती है. यह जानकारी बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने दी. उन्होंने बताया कि वृद्धि अगले साल से की जायेगी.
इस मांग को लेकर बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सह एमएलसी केदारनाथ पांडेय ने पिछले दिनों मुलाकात कर राज्य के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों की विभिन्न मांग व समस्याओं से अवगत कराया था. साथ ही बताया कि नयी मूल्यांकन प्रक्रिया में शिक्षकों का काम कई गुणा से बढ़ गया है. उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन पारिश्रमिक उसके अनुपात में काफी कम है. संघ की ओर से बताया गया कि अध्यक्ष आनंद किशोर भी इस बात से सहमत दिखे. उन्होंने आश्वस्त किया कि पारिश्रमिक में वृद्धि की जायेगी. उल्लेखनीय है कि इस वर्ष भी परीक्षकों के मानदेय में वृद्धि की गयी थी.
वीक्षण का पारिश्रमिक व अन्य भत्ता बढ़े :
दूसरी ओर संघ के मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि शिक्षकों को वीक्षण कार्य में अपने पदस्थापित अनुमंडल के इतर 15 से 20 किलोमीटर से भी अधिक दूर दूसरे अनुमंडल के परीक्षा केंद्रों पर ड्यूटी के लिए जाना पड़ता है. उन्हें मात्र 50 रुपए वीक्षण कार्य के लिए ही भुगतान किया जाता है. वहीं बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा उन्हीं शिक्षकों को जब उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन व स्क्रूटनी के कार्य में लगाया जाता है, तो उन्हें पारिश्रमिक के अलावा यात्रा भत्ता, ठहराव भत्ता आदि का भुगतान किया जाता है. अत: इस पर भी विचार किया जाना चाहिए. उन्होंने बिहार बोर्ड से शिक्षकों के सभी बकाया पारिश्रमिक का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर का आग्रह किया है. साथ ही आगामी मैट्रिक एवं इंटर परीक्षाओं के वीक्षण कार्य में लगाये जाने वाले शिक्षकों को राज्य सरकार अन्य परीक्षाओं के अनुरुप वीक्षण कार्य का पारिश्रमिक, यात्रा भत्ता व ठहराव भत्ता आदि भी दिये जाने की मांग की है.
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