पटना : बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को एक ओर जहां श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगायी. वहीं दूसरी ओर पूरे दिन अलग-अलग संस्थानों, मठों में बुद्धं शरणं गच्छामि मंत्रों की गूंज रही. साथ ही श्रद्धालुओं ने पूरी श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना की. गंगा घाटों में सुबह से श्रद्धालु स्नान दान करने पहुंचे. स्नान […]
पटना : बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को एक ओर जहां श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगायी. वहीं दूसरी ओर पूरे दिन अलग-अलग संस्थानों, मठों में बुद्धं शरणं गच्छामि मंत्रों की गूंज रही. साथ ही श्रद्धालुओं ने पूरी श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना की. गंगा घाटों में सुबह से श्रद्धालु स्नान दान करने पहुंचे. स्नान के बाद पंडितों व अन्य लोगों के बीच दान-पुण्य किया. पंडितों के अनुसार वैसे तो हर पूर्णिमा पर स्नान-दान करना शुभ होता है.
गंगा घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़नी शुरू हो गयी थी. पंडित प्रेम सागर के मुताबिक भगवान बुद्ध को विष्णु का अवतार माना गया है. इस दिन पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है. उन्होंने बताया कि सोमवार का दिन चंद्रमा का दिन है. इस दिन पूर्णिमा तिथि का होना खास संयोग रहा.
जगह-जगह कार्यक्रम का आयोजन : अवसर पर जगह-जगह कार्यक्रम का अायोजन किया गया. स्कूलों संस्थानों और मठ और मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना हुई. बुद्ध मिशन ऑफ इंडिया की ओर से कदमकुआं स्थित बुद्धमूर्ति के निकट बुद्ध की 2562वीं बुद्ध पूर्णिमा समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरूआत बुद्धं शरणं गच्छामि मंत्रों से हुई. वर्मा देश से आये भंते भूमंडला ने कहा कि बुद्ध के बताये मार्ग पर चल कर समाज में शांति कायम की जा सकती है. मौके पर डॉ राजीव कुमार, डॉ चंचला, डा आश्वती वर्मा, सीताराम कुमार समेत अन्य उपस्थित थे.
रंगारंग कार्यक्रम के बीच मनायी गयी जयंती
विश्व बुद्धा परिषद की ओर से बोरिंग रोड स्थित कार्यालय में भगवान बुद्ध की 2562वीं जयंती समारोह का आयोजन किया गया. समारोह का आयोजन वर्मा टिम्पल के भंतेगण द्वारा भगवान बुद्ध के पूजा-अर्चना से किया गया. इसके बाद विश्व बुत्र परिषद की ओर से संचालित शिक्षण संस्थाओं के छात्र-छात्राओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गयी. सयंत एमजी हाईस्कूल के छात्र-छात्राआें ने भगवान बुद्ध के जीवन पर आधारित नृत्य नाटिका की मनमोहक प्रस्तु़ति दी.
बुद्ध परिषद के उपाध्यक्ष अारए वात्स्यायन ने बुद्ध के संदेशों को दोहराया.
मनाया गया जन्मोत्सव : आनंद मार्ग प्रचारक संघ की ओर से आनंद मार्ग प्रवर्तक एवं तारक ब्रह्म आनंदमूर्ति जी का 98वां जन्मोत्सव मनाया गया. पूर्णिमा के शुभ अवसर पर विभिन्न आश्रमों में फूलों से सजावट की गयी. सुबह पांच बजे से ही पांचजन्य प्रभातफेरी संगीत, बाबा नाम केवलम अष्टाक्षरी सित्र महामंत्र व साधना के साथ प्रारंभ हुआ.