पटना : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने जनता से साथ दिल की बात की है. पिता लालू प्रसाद को सिद्धांत का पुरोधा बताया है. भाई तेजप्रताप यादव की सगाई में लालू की गैर मौजूदगी का कारण उनके द्वारा बिहार की जनता की लड़ाई लड़ने का प्रतिफल बताया है. जनता से यह भी वादा किया है कि लालू की अनुपस्थिति निजी सुख-दुःख से ऊपर है.
हमारा जीवन बिहार के लिए समर्पित रहेगा. तेजस्वी ने कहा है कि हमरा मन कल व्यथित था, तेज भाई के नये सफर की शुरुआत में उनका (लालू जी) विराट व्यक्तित्व शारीरिक रूप से खुशी की घड़ी में हमारे साथ शरीक नहीं थे. जन-जन के संघर्ष के आगे परिवार की खुशियों का कोई मोल नहीं है. भाई के नये सफर पर पिता के आशीर्वाद का हाथ उनके सिर पर नहीं था, ये शायद पहली बार था. पिता की कमी बहुत खली, लेकिन उनकी ये सीख हमारे साथ रही की निजी सुख-दुःख से ऊपर होकर हमारा जीवन बिहार के लिए समर्पित है और रहेगा.
रे पिता ने आवाम के हितों से कभी समझौता नहीं किया. विकट से विकट परिस्थति में भी अपने विचार, नीति और सद्धिांत को नहीं छोड़ा और यही कारण है कि सुखद क्षण में वो हमारे साथ नहीं हैं. मुझे गर्व की अनुभूति होती है कि मैं एक ऐसे पिता का बेटा हूं जिसने अपना जीवन बिहार के लिए, बिहार के लोगों के लिए, शोषितों, पीड़ितों, वंचितों और दबे-कुचलों के लिए समर्पित कर दिया.