पटना : पंचायतों का प्रतिनिधित्व महिलाओं के जिम्मे है. पंचायतों में 50 फीसदी आरक्षण ने महिलाआें की नेतृत्व क्षमता को विकसित किया है. वे अपने कार्यों को बखूबी निभा भी रही हैं. और बेहतर परिणाम मिले इसके लिए उनके उत्साह को बढ़ाने की आवश्यकता है.
यह कहना है पंचायती राज विभाग के मंत्री कपिलदेव कामत का. वे बुधवार को महिला विकास निगम की ओर से छज्जुबाग स्थित महिला हेल्पलाइन में आयोजित जनप्रतिनिधियों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह में बोल रहे थे. उन्हाेंने बताया कि पंचायत के विकास की जिम्मेदारी जनप्रतिनिधियों के जिम्मे है.
ऐसे में पहले इन्हें अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझना होगा. प्रशिक्षण के जरिये उन्हें अपने कर्तव्यों के बेहतर निर्वहन करने की जानकारी दी गयी है. इसे सभी जिलों में शुरू किया जाये. ताकि बिहार भर के पंचातयों में जन प्रतिनिधियों के जरिये विकास को बढ़ावा दिया जा सके.
प्रमाणपत्रों का किया गया वितरण
कार्यक्रम के दौरान पटना जिले से आये 45 जनप्रतिनिधियों के बीच प्रमाण पत्र वितरण किया गया.महिला विकास निगम के रत्न कुमार ने बताया कि सूबे में बाल-विवाह और दहेज प्रथा अभियान चलाया जा रहा है. इसके लिये पंचायत स्तर पर टास्क फोर्स टीम के रूप में पंचायत जनप्रतिनिधों को जोड़ा गया है, ताकि इनके जरिये समाज की कुप्रथाओं को समाप्त किया जा सके. पूरे बिहार भर में 8,634 पंचायताें में जनप्रतिनिधियों को ट्रेनिंग दी जानी है.
प्रथम चरण में 22 जिले के एक हजार मुखिया को ट्रेनिंग दी गयी है. अप्रैल से मई माह तक करीब 20 हजार जनप्रतिनिधयों को प्रशिक्षित किया जायेगा. मौके पर महिला हेल्पलाइन की परियाेजना प्रबंधक प्रमिला कुमारी, काउंसेलर साधना सिंह, सरिता सजल समेत परिहार सेवा संस्थान की प्रज्ञा भारती, पैनल अधिवक्ता सीमा व अन्नपूर्णा समेत अन्य उपस्थित रहे.