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दो मरीजों की मौत के बाद हंगामा जूनियर डॉक्टर से धक्का-मुक्की

घटना के बाद इमरजेंसी वार्ड को डॉक्टरों ने छोड़ा पटना : सड़क दुर्घटना में गंभीर तौर पर घायल मरीजों की पीएमसीएच में इलाज के दौरान मौत पर परिजनों ने हंगामा कर दिया. जूनियर डाक्टरों से हाथापाई शुरू कर दी. अराजक स्थिति होते देख डाॅक्टर इमरजेंसी वार्ड छोड़ कर भाग निकले. जिससे अस्पताल में अफरा-तफरी मच […]

घटना के बाद इमरजेंसी वार्ड को डॉक्टरों ने छोड़ा
पटना : सड़क दुर्घटना में गंभीर तौर पर घायल मरीजों की पीएमसीएच में इलाज के दौरान मौत पर परिजनों ने हंगामा कर दिया. जूनियर डाक्टरों से हाथापाई शुरू कर दी. अराजक स्थिति होते देख डाॅक्टर इमरजेंसी वार्ड छोड़ कर भाग निकले. जिससे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गयी. पीएमसीएच में इलाज व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गयी. लेकिन, हंगामे के दौरान शांति व्यवस्था बनाने को लेकर मौके पर पुलिस नहीं पहुंच सकी.
सुबह के चार से नौ बजे तक कुल पांच घंटे तक इलाज पूरी तरह से ठप रही. इसके चलते मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. दरअसल रविवार की सुबह सुलतानगंज थाने इलाके के रहनेवाले दो मरीजों को पीएमसीएच लाया गया था. सड़क दुर्घटना में दोनों मरीज घायल थे. हालत गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने इमरजेंसी में भर्ती किया. लेकिन, इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गयी.
परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया. इधर अस्पताल प्रशासन का कहना है कि दोनों ही मरीज सड़क दुर्घटना में बुरी तरह से घायल हो गये थे. नतीजन इलाज के दौरान घायलों की मौत हो गयी. जबकि, उन्हें बचाने के लिये भरसक उपाय किये गये.
इमरजेंसी में पांच घंटे तक इलाज ठप, दो ऑपरेशन टले
इमरजेंसी से भागे जूनियर डॉक्टर पांच घंटे तक अपनी ड्यूटी पर नहीं लौटे. नतीजन इलाज व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गयी. हालत गंभीर देखते हुए कुछ परिजन अपने मरीज को लेकर दूसरे अस्पताल में चले गये.
इस बीच सर्जिकल इमरजेंसी में आये दो मरीजों का ऑपरेशन टाल दिया गया. बाद में अस्पताल प्रशासन ने सीनियर डॉक्टरों की ड्यूटी लगायी, तो व्यवस्था दुरुस्त हो सकी.
24 घंटे का अल्टीमेटम नहीं तो अनिश्चितकालीन हड़ताल
इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टर के साथ हुए धक्का-मुक्की के बाद जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने बैठक कर अस्पताल प्रशासन को चेतावनी दी है.
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ विनय कुमार यादव ने बताया कि करीब एक घंटे तक चले हंगामे के बावजूद भी वार्ड में न तो अस्पताल के सुरक्षाकर्मी पहुंचे और न ही पुलिस प्रशासन. किसी तरह जूनियर डॉक्टरों ने अपनी जान बचायी.
हंगामे के बाद सुरक्षा व्यवस्था कुछ दिन के लिए सही रहती है बाद में स्थिति फिर से खराब हो जाती है. अगर 24 घंटे के अंदर परमानेंट सुरक्षा व्यवस्था और हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो सभी जूनियर डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे.
दोनों की मौत के बाद भड़के परिजन
सुलतानगंज के रहनेवाले सिद्धार्थ नाम के मरीज की भर्ती के कुछ देर बाद ही मौत हो गयी. परिजनों की मानें, तो डॉक्टर समय पर इलाज नहीं किये. सिद्धार्थ के परिजन वार्ड में ऑन ड्यूटी जूनियर डॉक्टर से भिड़ गये. डॉक्टर के साथ हो रहे धक्का-मुक्की के बाद अस्पताल के दूसरे डॉक्टर भी पहुंच गये. परिजनों और डॉक्टरों के बीच जम कर हंगामा हुआ.
दोनों मरीज को लावारिस की हालत में पुलिस लेकर पीएमसीएच आयी थी. दोनों ही मरीज शराब के नशे में थे व सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल थे.
उनकी स्थिति काफी खराब हो गयी थी. हालत को देखते हुए उन्हें तुरंत आइसीयू में भर्ती किया गया, इतना ही नहीं रोगी कल्याण समिति की ओर से उन्हें दवा से लेकर सभी तरह की सुविधाएं मुफ्त मुहैया करायी गयी. लेकिन जब मरीज की मौत हो गयी, तो उनके कुछ परिजन बाद में आकर इमरजेंसी में हंगामा करने लगे.
डॉ दीपक टंडन, अधीक्षक पीएमसीएच

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