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कीट-व्याधि का प्रबंधन कर लीची उत्पादक किसान बढ़ा सकते हैं अपनी आमदनी

पटना : कृषि विभाग ने लीची में लगने वाले कीट और होनेवाली बीमारियों के लिए एडवाइजरी जारी की है. विभाग ने कहा है कि कीट-ब्याधि का प्रबंधन कर लीची उत्पादक अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं. राज्य में लीची का लगभग 32,000 हेक्टेयर में बाग है, जिनसे लगभग 2,50,000 टन लीची का उत्पादन होता है. मौजूदा […]

पटना : कृषि विभाग ने लीची में लगने वाले कीट और होनेवाली बीमारियों के लिए एडवाइजरी जारी की है. विभाग ने कहा है कि कीट-ब्याधि का प्रबंधन कर लीची उत्पादक अपनी
आमदनी बढ़ा सकते हैं. राज्य में लीची का लगभग 32,000 हेक्टेयर में बाग है, जिनसे लगभग 2,50,000 टन लीची का उत्पादन होता है. मौजूदा समय में फलदार वृक्षों में खासकर लीची के पौधों को इस मौसम में विशेष देखभाल की आवश्यकता है. अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए लीची में लगनेवाले प्रमुख कीटों एवं व्यधियों का प्रबंधन किसान जरूर करें.
लीची में लगने वाले दहिया कीट के शिशु एवं मादा लीची के पौधों की कोशिकाओं का रस चूस लेते है, जिसके कारण मुलायम तने और मंजर सूख जाते हैं तथा फल गिर जाते हैं. समय पर किसान कृषि विशेषज्ञ से सलाह कर इसका उपाय कर लें.

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