सभी श्रेणियों के फिक्स्ड चार्ज में कोई बदलाव नहीं
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बिजली की दरों में इस प्रकार से होगा बदलाव
सभी श्रेणियों के फिक्स्ड चार्ज में कोई बदलाव नहीं एनर्जी चार्ज में न्यूनतम 40, अधिकतम 60 पैसे प्रति यूनिट वृद्धि एनडीएस 1, सिंचाई, कृषि श्रेणी–2 के लिए बिना मीटर वाले उपभोक्ता श्रेणी समाप्त बिजली दरों में वृद्धि वापस ले सरकार: औद्योगिक संगठन पटना : राज्य के औद्योगिक संगठनों ने बिजली दरों में की गयी बढ़ोतरी […]
एनर्जी चार्ज में न्यूनतम 40, अधिकतम 60 पैसे प्रति यूनिट वृद्धि
एनडीएस 1, सिंचाई, कृषि श्रेणी–2 के लिए बिना मीटर वाले उपभोक्ता श्रेणी समाप्त
बिजली दरों में वृद्धि वापस ले सरकार: औद्योगिक संगठन
पटना : राज्य के औद्योगिक संगठनों ने बिजली दरों में की गयी बढ़ोतरी का विरोध किया है. बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज और बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी एवं नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी की वर्ष 2018-19 के लिए घोषित विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं के विद्युत दरों में की गयी वृद्धि को तुरंत घटाने का अनुरोध सरकार से किया है. चैंबर अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने कहा कि पूर्व से ही आम उपभोक्ताओं के लिए निर्धारित विद्युत दरें काफी अधिक है उसके बावजूद डीएस श्रेणी जिसके तहत आम शहरी उपभोक्ताओं का सबसे बड़ा वर्ग आता है.
प्रत्येक श्रेणी में 45 पैसा प्रति यूनिट यानी ओवर ऑल 5 फीसदी की बढ़ोतरी होने से उन पर अधिक बोझ पड़ेगा. उन्होंने कहा कि 30 फीसदी से घटा कर 22 फीसदी हुई है, उसके अनुसार 8 फीसदी वितरण क्षति सीमा कम हाेने पर वर्तमान विद्युत दरों में कमी आनी चाहिए थी, लेकिन उसके बावजूद ओवर ऑल 5 फीसदी की वृद्धि किया जाना तर्क संगत प्रतीत नहीं होता है.
उन्होंने कहा कि व्यावसायिक या वाणिज्यिक संस्थानों के लिए एलटीआइएस की श्रेणी के साथ–साथ औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए एचटी श्रेणी में 9.29 फीसदी की वृद्धि की गयी है.
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष केपीएस केसरी ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य का उद्योग और व्यवसाय स्वयं ही आर्थिक मंदी मार झेल रहा है.उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति में विद्युत दर में बढ़ोतरी
कर उद्योगों एवं व्यवसाय पर अतिरिक्त भार
डाला जाना किसी प्रकार से उचित नहीं है. इस बार की यह वृद्धि और भी अधिक आश्चर्यजनक इसलिए है, क्योंकि टैरिफ ऑर्डर में उदय योजना के तहत संचरण एवं वितरण हानि को 30 प्रतिशत से घटा कर 22 प्रतिशत कर दिया गया है. जिसका लाभ उपभोक्ताओं को देते हुए विद्युत दरों में कम से कम 10 प्रतिशत की कमी की जानी चाहिए थी. परंतु इसके उलटा 45 पैसे से 60 पैसे तक की वृद्धि विभिन्न उपभोक्ता दरों में कर दी गयी है. एसोसिएशन ने इस मामले में अविलंब हस्तक्षेप करने की मांग करता है जिससे उद्योग एवं व्यवसाय सुचारू रूप से अपना कार्य कर सके.
विद्युत दर बढ़ने से उद्योग पर पड़ेगा बुरा असर
बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज और बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने किया विरोध
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