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बिहार : पेट में हुआ दर्द, फिर हुआ खुलासा, नसबंदी के बाद भी हुई गर्भवती, डॉक्टर बोले, करा लो गर्भपात
पटना : स्थानीय राजपूताना कॉलोनी की रहने वाली 30 साल की आरती देवी की एक महिला नसंबदी के बाद भी फिर से गर्भवती हो गयी. इस बात का खुलासा तब हुआ जब महिला शुक्रवार को गर्दनीबाग अस्पताल आयी. वहां हुई जांच में डॉक्टरों ने उसे प्रेग्नेंट बताया. तब से वह महिला व उसका पति परेशान […]
पटना : स्थानीय राजपूताना कॉलोनी की रहने वाली 30 साल की आरती देवी की एक महिला नसंबदी के बाद भी फिर से गर्भवती हो गयी. इस बात का खुलासा तब हुआ जब महिला शुक्रवार को गर्दनीबाग अस्पताल आयी. वहां हुई जांच में डॉक्टरों ने उसे प्रेग्नेंट बताया. तब से वह महिला व उसका पति परेशान है.
यही नहीं, इस दंपति ने एक डॉक्टर पर यह आरोप लगाकर भी चौंका दिया है कि डॉक्टर ने उनको बच्चा गिराने तक की सलाह तक दे डाली है. दंपति ने इस मामले की जांच और कार्रवाई की मांग की है. खास बात यह है कि डॉक्टरों से इस बात का पता भी था कि नसबंदी ऑपरेशन से पहले महिला 15 दिन की गर्भवती थी, लेकिन उन्हाेंने बिना सुरक्षित उपाय किये ही नसबंदी कर दी.
पेट में हुआ दर्द, फिर हुआ खुलासा
जिस गर्दनीबाग अस्पताल में हुई नसबंदी, उसी अस्पताल ने कहा गर्भवती है महिला
गर्भवती की खबर सुन पति-पत्नी के उड़ गये होश, एक घंटा
जम कर हंगामा
पेट दर्द होने के बाद महिला अपने पति संजय कुमार के साथ गर्दनीबाग अस्पताल पहुंची. मजे की बात तो यह है कि महिला का चार माह पहले उसी गर्दनीबाग अस्पताल में नसबंदी किया गया था, जहां फिर से वहां के डॉक्टरों ने गर्भवती होने की पुष्टि की.
इसकी सूचना पाते ही वह उसका होश उड़ गया, महिला ने कहा कि परिवार छोटा रहे इसको लेकर उसने नसबंदी कराया था. यह ऑपरेशन गर्दनीबाग अस्पताल में चार माह पहले हुआ था. लेकिन जब डॉक्टरों ने टेस्ट किया तो उसमें गर्भवती बताया गया.
जब डॉक्टर ने दी अजीब दलील
महिला ने वहां के एक डॉक्टर पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह जिस डॉक्टर से नसबंदी के लिए ऑपरेशन कराया था, जब उससे मिली.
उसे रिपोर्ट बतायी तो डॉक्टर नाराज हो गयी और वह महिला को बच्चा गिराने के लिए बोल दिया. पीड़ित महिला ने कहा कि डॉक्टर ने अबॉर्शन कराने के लिए कहा. इस पर महिला नाराज हो गयी और जम कर हंगामा किया. महिला ने अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारियों से जांच की मांग की.
टेस्ट के बाद महिला गर्भवती निकली. तीन माह का बच्चा उसके पेट में पल रहा है. जब हमने इसके जिम्मेदार डॉक्टरों से बात की तो पता चला कि नसबंदी ऑपरेशन से पहले महिला 15 दिन की गर्भवती थी.
इस लिए उसका बच्चा ठहर गया. क्या है पूरा मामला इसकी जांच की जा रही है. अगर डॉक्टरों की लापरवाही निकली तो नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी. हालांकि अगर महिला चाहे तो उसका सुरक्षित गर्भपात भी किया जा सकता है.
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