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बिहार : अप्रैल से सूबे में काम करने लगेगा शराब पकड़ने को विशेष कंट्रोल रूम..जानें
पटना : राज्य में शराबबंदी कानून को फूल-प्रूफ तरीके लागू करने और आम लोगों की सहभागिता भी इसमें करने के लिए एक विशेष कॉल सेंटर शुरू होने जा रहा है. यह समेकित कॉल सेंटर पुलिस और उत्पाद विभाग के संयुक्त प्रावधान से संचालित किया जायेगा और पूरे राज्य में सिर्फ शराब के खिलाफ शिकायत करने […]
पटना : राज्य में शराबबंदी कानून को फूल-प्रूफ तरीके लागू करने और आम लोगों की सहभागिता भी इसमें करने के लिए एक विशेष कॉल सेंटर शुरू होने जा रहा है.
यह समेकित कॉल सेंटर पुलिस और उत्पाद विभाग के संयुक्त प्रावधान से संचालित किया जायेगा और पूरे राज्य में सिर्फ शराब के खिलाफ शिकायत करने के लिए इस एक नंबर का प्रचार-प्रसार किया जायेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधान मंडल में पहले ही देश में अपने तरह के एकलौते और यूनिक कॉल सेंटर के स्थापना की घोषणा कर चुके हैं. इसके बाद से ही इसे स्थापित करने के लिए कवायद तेज हो गयी है.
जानकारी के अनुसार, यह कॉल सेंटर अप्रैल महीने से काम करने लगेगा. फिलहाल इसकी तैयारी व्यापक स्तर पर शुरू हो गयी है. 5 फरवरी को इसे लेकर सभी जिलों के एसपी और डीएसपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से ट्रेनिंग दिया जायेगा. इसका संचालन आइटी विभाग करेगा. इसके बाद 15 दिनों तक के लिए इसका ट्रायल किया जायेगा. इसके बाद हर तरह से इस कंट्रोल रूम को जांचने परखने के बाद इसकी शुरुआत कर दी जायेगी.
– हर स्थान की शिकायत कर सकते हैं दर्ज
इस कंट्रोल रूम में किसी कोने से किसी स्थान की शिकायत दर्ज करवायी जा सकती है. कार्रवाई करने से पहले पुलिस पूरी तरह से वेरिफिकेशन करने के बाद ही छापेमारी करेगी. इसमें थाना क्षेत्र की बाध्यता नहीं रहेगी और न ही अन्य तकनीकी समस्या.
– हर मायने में बेहद खास होगी यह व्यवस्था
शराब से संबंधित किसी तरह की शिकायत करने के लिए यह कंट्रोल रूम बेहद ही खास और कई मायने में यूनिक होगा. इसका नंबर लैंडलाइन और मोबाइल दोनों तरह का होगा, जिस पर कॉल के अलावा एसएमएस, व्हाट्स एप और ई-मेल के जरिये शिकायत किया जा सकता है.
इस कंट्रोल रूप में मिली व्यक्ति की शिकायत को गुप्त रखा जायेगा और किसी स्तर के पुलिस पदाधिकारी को यह जानकारी नहीं मिल सकेगी कि किस व्यक्ति ने किस नंबर और कहां से शिकायत दर्ज करवायी है. जैसे ही यहां किसी का कॉल आयेगा, वह पहले ऑपरेटर के पास जायेगा. इसके बाद वह दूसरे कंप्यूटर में चला जायेगा, जहां से वह इंक्रिप्ट फॉर्म में प्रदर्शित होगा. इसके बाद जिस जिले से जुड़ी शिकायत होगी, वहां के एसपी से लेकर थाना प्रभारी तक के मोबाइल पर इससे जुड़ा मैसेज चला जायेगा. शिकायतकर्ता को एक आईडी मिल जायेगी, जिसके आधार पर उसे पता चल सकेगा कि उसकी शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई.
जैसे ही पुलिस को इस तरह की कोई शिकायत प्राप्त होगी, उसे डेढ़ घंटे के अंदर संबंधित स्थान पर जाकर यह रिस्पांस करना होगा कि वह स्थान पर मौजूद है तथा शिकायत सही या गलत है और कितने समय में कार्रवाई कर लेगी.
इसके बाद उसे कार्रवाई पूरी करने के बाद वापस कंट्रोल रूम में फिर से यह सूचना देनी होगी कि क्या कार्रवाई हुई और कितनी बरामदगी या गिरफ्तारी हुई. इसके बाद संबंधित व्यक्ति को कंट्रोल रूम से वापस फोन करके यह बताया जायेगा कि आपकी संबंधित आईडी से प्राप्त शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई. अगर सूचना गलत होगी, तब भी व्यक्ति को बताया जायेगा कि सूचना गलत थी. फिर भी अगर व्यक्ति यह कहता है कि उसकी सूचना सही है, तो फिर से कार्रवाई करवायी जायेगी.
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