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बिहार : साढ़े 12 हजार पकड़े जा चुके हैं शराबी, एक भी आरोपित को नहीं मिली सजा
पटना : शराबबंदी लागू होने के बाद से शराब पीने वालों और शराब का कारोबार करने वालों को पकड़ने में जितनी सक्रियता दिखायी जा रही है, उतनी तत्परता उन्हें सजा दिलाने में नहीं दिखायी जा रही है. अभी तक जिले में शराबबंदी कानून के तहत एक भी दोषी को सजा नहीं दिलायी जा सकी है. […]
पटना : शराबबंदी लागू होने के बाद से शराब पीने वालों और शराब का कारोबार करने वालों को पकड़ने में जितनी सक्रियता दिखायी जा रही है, उतनी तत्परता उन्हें सजा दिलाने में नहीं दिखायी जा रही है. अभी तक जिले में शराबबंदी कानून के तहत एक भी दोषी को सजा नहीं दिलायी जा सकी है.
दरअसल कानूनी पेंच व मामले में निचले स्तर पर सुस्ती के कारण आरोपित अब भी सजा से दूर हैं. इसमें सबसे बड़ा पेच गवाहों का अभाव है. जिले की स्थिति ऐसी है कि वर्ष 2016 के अप्रैल से शराबबंदी लागू होने से अब तक 12,445 शराबी पकड़े जा चुके हैं, लेकिन अब तक एक भी आरोपित को सजा नहीं मिल सकी है, जबकि 90 फीसदी आरोपित एक माह के भीतर जमानत पर जेल से बाहर आ चुके हैं. यानी शराबबंदी में किसी आरोपित को सजा नहीं मिली है.
एक ही विशेष न्यायालय होने के कारण हो रही है देरी
जिलाधिकारी कुमार रवि बताते हैं कि अब मामलों में तेजी लाने की कोशिश की जा रही है. आराेपितों के जेल में बंद रहने के दौरान गवाही सहित अन्य कानूनी प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया है.
इसके अलावा मामले में देरी का एक कारण यह भी है कि फिलहाल एक विशेष न्यायालय में ही इस तरह के मामलों की गवाही, बेल व ट्रायल का मामला चलता है. इस कारण भी तारीख आने में देरी होती है
सजा के मामले में अब तेजी आयेगी. इसके लिए उत्पाद विभाग सेलेकर पुलिस प्रशासन की ओर से भी तेजी से कार्रवाई करने के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है. -कुमार रवि, जिलाधिकारी
सात दिनों के अंदर दें कार्ययोजना
जिला प्रशासन के अनुसार अब तक कुल 5369 मामलों में आरोप पद दायर कर दिया गया है, जबकि अन्य मामले ऐसे ही हैं. वहीं जिलाधिकारी की ओर से निर्देश दिया गया कि अभियुक्तों को तेजी से सजा मिले इसके लिए सात दिनों के भीतर कार्ययोजना दी जाये. इसके अलावा एक माह में कम-से-कम पांच मामलों को लेकर एक दो गवाही दिला कर सजा दिलायी जाये. वहीं सहायक अभियुक्त उत्पाद और पुलिस उपाधीक्षक को निर्देश दिया गया कि प्रत्येक माह में दस मामलों को चिह्नित कर गवाही दिला कर सजा दिलायी जाये.
चल रहा है स्पीडी ट्रायल
शराबबंदी को लेकर जो कार्रवाई की जा रही है. इसमें उत्पाद विभाग व पुलिस विभाग दोनों शामिल हैं. फिलहाल पटना जिले को जो आंकड़ा है, इसमें उत्पाद विभाग ने 5669 मामले व 6776 मामले पुलिस विभाग की ओर से दर्ज किया गया है.
वहीं अब तक कुल मामलों में 5369 मामलों में आरोप दायर कर दिया गया है, जबकि 99 मामलों में स्पीडी ट्रायल किया गया है. अन्य मामलों में अभी गवाही की प्रक्रिया चल रही है. मामले में देरी से आरोप पत्र दाखिल करने के कारण भी 50 फीसदी मामलों में प्रक्रिया नहीं शुरू हो पायी है.
– दो दिनों में दायर होगा आरोप पत्र
स्पीड ट्रायल में भी और तेजी लाने का निर्देश दिया गया. पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि शराब का सेवन करने वाले अभियुक्तों को दो दिनों के भीतर आरोप पत्र दायर करने का निर्देश दिया गया, ताकि उन्हें जेल से छूटने से पहले सजा हो जाये. इसके लिए शराब मामले में उच्च न्यायालय के निर्देश पर प्रत्येक दिन सुनवाई की जाये, ताकि प्रत्येक माह में कम-से-कम दो लोगों को सजा हो सके. वहीं जिन मामलों में न्यायालय से अभियुक्त निर्दोष पाये जाते हैं, तो अगर अपील का मामला बनता है, तो उसमें अपील भी की जायेगी. इसके अलावा जेल अधीक्षक को निर्देश दिया गया कि समय पर कैदियों को गवाही के लिए भेजा जाये.
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