30.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार : रोजाना 27000 यात्रियों का जानलेवा सफर

खतरनाक यात्रा. प्रशासन की लापरवाही से खतरे में है बस यात्रियों की जिंदगी पटना : पटना से संचालित होनेवाली बसें में सफर करना किसी खतरे से कम नहीं है. यहां से रोजाना 27 हजार से अधिक यात्री आेवरलोडेड बसों में यात्रा करने के लिए मजबूर हैं. उदाहरण के लिए जब ये बसें गांधी सेतु से […]

खतरनाक यात्रा. प्रशासन की लापरवाही से खतरे में है बस यात्रियों की जिंदगी
पटना : पटना से संचालित होनेवाली बसें में सफर करना किसी खतरे से कम नहीं है. यहां से रोजाना 27 हजार से अधिक यात्री आेवरलोडेड बसों में यात्रा करने के लिए मजबूर हैं. उदाहरण के लिए जब ये बसें गांधी सेतु से गुजरती हैं तो फिर यात्रा भगवान भरोसे ही दिखती है. ऐसा लगता है जैसे बस संचालक, कंडक्टर और ड्राइवर को यात्रियों की जान से कोई मतलब नहीं है. बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की ओर से भी प्राइवेट बसों में ओवरलोडिंग को रोकने के लिए कोई नियम ही नहीं है.
प्रतिदिन 600 बसों का परिचालन : मीठापुर बस स्टैंड से राज्य के विभिन्न जिलों और पड़ोसी राज्य में जाने वाली बसों की संख्या लगभग एक हजार है. इसमें लगभग 600 सौ बसें नियमित चलती हैं. इसमें से लगभग आधी यानी 300 बसों में ओवलोडिंग की जाती है. औसतन 45 सीटें रहती हैं. ओवर लोडिंग करने पर इतने यात्रियों को और लोड कर लिया जाता है.
अवैध वसूली, इसलिए नहीं होती है कार्रवाई
मीठापुर बस स्टैंड से नगर निगम चुंगी वसूलता है. नगर निगम की प्रतिदिन 40 से 45 हजार रुपये की वसूली करता है. लेकिन बस स्टैंड पर अवैध रूप से भी खूब वसूली होती है. सूत्रों की मानें को स्थानीय थाना की मदद से सड़क पर भी रोजाना सौ से अधिक बसों को लगाया जाता है और प्रति बस दो सौ रुपये प्रतिदिन की वसूली होती है. इस कारण भी स्थानीय पुलिस ओवरलोडिंग पर नियमित कार्रवाई नहीं करती.
छत पर बैठने पर आधा किराया
छत के ऊपर बस बैठने को बस संचालक, कंडक्टर या अन्य स्टाफ बालकनी का सफर कहते हैं. जब बसों की सीटों फुल हो जाती हैं तो बस स्टाफ यात्रियों को बालकनी में बैठने का ऑफर करता है. कम पैसों के लालच में यात्री ऊपर बैठते हैं. यही नहीं यात्रियों को बंसों के अंदर दरी बिछाकर बिठा दिया जाता है. छत की सफर का किराया भी फिक्स नहीं हैं. आधा शुल्क तो कभी किराया का 75 फीसदी शुल्क देते हैं.
चार जवानों के भरोसे है बस स्टैंड : बस स्टैंड पर प्रतिदिन एक लाख से अधिक लोग आते-जाते हैं. लोगों की सुरक्षा के लिए बस स्टैंड में ही एक चौकी बनी है. इस चौकी में मात्र चार जवान रहते हैं.
इनकी भी सुनिए
समय-समय पर यात्रियों की भीड़ बढ़ती रहती है. तब लोग मजबूरन बस की छत पर सफर करते हैं, हम लोग कोई दबाव नहीं बताते.
-रविंद्र गोप, बस चालक
लोगों से अधिक समान की ओवरलोडिंग की जाती है. हम लोग सुरक्षा को लेकर कार्रवाई करते हैं.
-राज किशोर, पुलिस
जवान, बस स्टैंड
बस की छत पर मजबूरी में सफर करना पड़ता है. समय पर घर जाने की जल्दी से परेशानी होती है.
-पन्ना सिंह, यात्री
ओवरलोडिंग एक आम समस्या है. कभी कोई कार्रवाई नहीं होती. बस स्टाफ से लेकर यात्री दोनों दोषी होते हैं.
– राजू प्रसाद, यात्री

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें