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बिहार : मोरहर नदी पर भी टोल टैक्स के रूप में वसूले जा रहे लाखों, 2017 में हुआ था टेंडर

मसौढ़ी में अकेली दरधा नदी पर ही नहीं टोल टैक्स के नाम पर जेबें हो रहीं खाली मसौढ़ी : अनुमंडल में अकेले दरधा नदी ही नहीं है जहां टोल टैक्स के नाम पर लोगों की जेबें खाली हो रही हैं. प्रखंड में ऐसे और भी पुल हैं जहां प्रतिदिन उस पर से गुजरने वाले वाहनों […]

मसौढ़ी में अकेली दरधा नदी पर ही नहीं टोल टैक्स के नाम पर जेबें हो रहीं खाली
मसौढ़ी : अनुमंडल में अकेले दरधा नदी ही नहीं है जहां टोल टैक्स के नाम पर लोगों की जेबें खाली हो रही हैं. प्रखंड में ऐसे और भी पुल हैं जहां प्रतिदिन उस पर से गुजरने वाले वाहनों से टोल टैक्स के नाम पर बैरियर लगा वसूली की जा रही है.
ऐसा ही एक पुल है मसौढ़ी प्रखंड के नूरा स्थित मोरहर नदी पर. मोरहर नदी से कुछ दूर पहले ही महद्दीपुर गांव के पास बैरियर लगा कर उधर से गुजरने वाले वाहनों से प्रतिदिन अच्छी खासी रकम की वसूली की जा रही है.
सबसे चौंकाने वाली बात है कि धनरूआ के कोल्हाचक स्थित दरधा नदी पर स्थित पुल का जिस व्यक्ति के पास टोल टैक्स वसूली करने का टेंडर है ,उसी व्यक्ति के द्वारा नूरा स्थित मोरहर नदी पर भी टोल टैक्स की वसूली की जा रही है. इसका पुष्टि नूरा में टोल टैक्स वसूली कर रहे एक कर्मचारी मनोज कुमार ने पूछताछ में की . उसने बताया कि पटना के राजेंद्र एंड संस को टोल टैक्स की वसूली करने का टेंडर पिछले वर्ष मार्च में मिला है . एक अप्रैल से पुल टैक्स की वसूली की जा रही है, जो फिलवक्त 31 मार्च, 2018 की मध्य रात्रि तक की जायेगी .बाद में फिर टेंडर होने के बाद की स्थिति अभी कहना जल्दबाजीहोगी. उसका यह भी कहना था कि राजेंद्र एंड संस के जिम्मे कई ऐसे पुल हैं जिसका टोल टैक्स का टेंडर प्राप्त है, इनमें कोल्हाचक भी है.
एक घंटे में वसूले जा रहे एक लाख
रविवार को दोपहर बारह बजे से लेकर डेढ़ बजे तक कुल मिला कर 133 छोटे-बड़े वाहनों को टोल टैक्स से होकर गुजरते देखा गया. इस डेढ़ घंटा में जो 133 वाहन टैक्स देकर गये उनमें ट्रक 23, छोटा ट्रक 14, बस 11, छोटा मालवाहक वाहन 18,आॅटो 40 एवं 27 चार चक्का जिनमें स्काॅर्पियो से लेकर तमाम गाड़ियां थीं. इस डेढ़ घंटा में टोल टैक्स के रूप में वसूली की बात की जाये, तो कुल सात हजार चौदह रुपये वसूले गये. जब डेढ़ घंटा में सात हजार की वसूली की गयी, तो 24 घंटे में एक लाख बारह हजार की वसूली की जा रही है.
2017 में टोल टैक्स का हुआ था टेंडर
टोल टैक्स वसूल रहे कर्मचारियों ने बताया कि बीते वर्ष मार्च में टोल टैक्स का टेंडर मिला है और एक अप्रैल से वसूली की जा रही है .उद्घाटन के बाद पांच वर्षों तक पुल पर टोल टैक्स नहीं लिया गया. इसके पीछे क्या कारण था. अचानक छठे वर्ष में टोल टैक्स की वसूली शुरू करने के पीछे ऐसी कौन-सी मजबूरी आ पड़ी. तमाम सवाल स्थानीय लोगों के साथ-साथ वाहन वालों को भी खटक रहा है, पर इसका जवाब देने वाला भी कोई नहीं है .
एक अप्रैल से बंद हो जायेगा टोल टैक्स
बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक उमेश कुमार ने रविवार को एक बार फिर कहा कि एक अप्रैल से टोल टैक्स वसूली बंद हो जायेगी .जब उनसे पुल की कुल लागत एवं टेंडर कितने में दी गयी है समेत और कुछ सवाल पूछे गये, तो वे आग बबूला हो गये. कहने लगे कार्यालय अवधि में बात करने के बाद ही कुछ बताया जा सकता है. उनसे बीते शनिवार को हुई बातचीत की याद दिलायी गयी कि उस वक्त तो आप कार्यालय में ही थे क्यों नहीं कुछ बताया.
जून, 2012 में पुल का हुआ था उद्घाटन
नूरा के पास स्थित मोरहर नदी पर निर्मित पुल का उद्घाटन बीते 2012 के जून माह की 11 तारीख को सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किया गया था .स्थानीय लोगों की मानें, तो 2011 के दिसंबर माह से उक्त पुल का निर्माण शुरू हुआ था.
पुल की कुल लागत की बात की जाये, तो स्थानीय मुखिया मृत्युंजय कुमार सेठ ने बताया कि पुल का निर्माण जहानाबाद के किसी व्यक्ति के द्वारा कराया गया था . लागत के सवाल पर उन्होंने बताया कि अधिकारिक जानकारी तो नहीं है ,लेकिन उस वक्त काम रहे व्यक्ति के द्वारा बताया गया था कि पुल की लागत करीब चार करोड़ के आसपास है.

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