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बरसात न होने से अनाज के दानों की खो जाती है चमक

पटना : इस साल ठंड में खासतौर पर दिसंबर और जनवरी में बारिश न होने से किसान परेशान है. दरअसल ठंड में रबी फसलों के लिए बारिश बहुत मायने रखती है. ये बारिश खेती के लिए अमृत समान होती है. दिसंबर व जनवरी में बारिश नहीं होने से दाने के वजन,चमक और आकार पर प्रतिकूल […]

पटना : इस साल ठंड में खासतौर पर दिसंबर और जनवरी में बारिश न होने से किसान परेशान है. दरअसल ठंड में रबी फसलों के लिए बारिश बहुत मायने रखती है. ये बारिश खेती के लिए अमृत समान होती है.

दिसंबर व जनवरी में बारिश नहीं होने से दाने के वजन,चमक और आकार पर प्रतिकूल असर पड़ता है. कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि दिसंबर और जनवरी में बारिश का सिलसिला टूट रहा है. इस साल तो हुई ही नहीं है. इसका सीधा असर रबी में गेहूं व मक्का पर पड़ रहा है. पौधे अपना भोजन पर्याप्त मात्रा में नहीं बना पा रहे हैं. हालांकि अब फरवरी में बारिश हुई तो गेहूं के अलावा शेष फसलों पर विपरीत असर पड़ेगा.

सभी फसलों की जरूरत है बारिश
मौसम विभाग का कहना है कि दिसंबर में हर वर्ष कम से कम आठ से नौ मिलीमीटर बारिश की जरूरत पड़ती है. वहीं जनवरी में 10 से 12 मिलीमीटर बारिश का पानी चाहिए. ऐसा नहीं होना रबी के लिए नुकसानदायक है.
एक्सपर्ट व्यू
दलहनी फसलों में अब फ्लाॅवरिंग हो रही है. अब अगर बारिश हुई तो हर तरह से नुकसान होगा. चना, खेसारी, बाकला, मटर, अरहर को सीधे तौर पर नुकसान होगा. सिर्फ गेहूं के लिये लिये फायदेमंद कहा जा सकता है. 15 दिसंबर से 31 जनवरी तक बारिश हो तो लाभदायक है.
-डॉ अरविंद चौधरी, प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पटना

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