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बिहार में अब एथेनॉल से चलेंगे वाहन मुख्यमंत्री और केंद्रीय परिवहन मंत्री के बीच बनी सहमति
नयी दिल्ली : बिहार के लोगों को भी आनेवाले समय में सस्ते ईंधन से मोटरसाइकिल और ऑटो रिक्शा चलाने का मौका मिल सकता है. पेट्रोल और डीजल के विकल्प के तौर पर एथेनॉल के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय सड़क परिवहन व जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने […]
नयी दिल्ली : बिहार के लोगों को भी आनेवाले समय में सस्ते ईंधन से मोटरसाइकिल और ऑटो रिक्शा चलाने का मौका मिल सकता है. पेट्रोल और डीजल के विकल्प के तौर पर एथेनॉल के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय सड़क परिवहन व जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को एथेनॉल से चलने वाले ऑटो में बैठकर सवारी की.
इस दौरान एथेनॉल से चलने वाली मोटरसाइकिल की भी टेस्टिंग की गयी. सरकार आम लोगों को सस्ता ईंधन मुहैया कराने के लिए पेट्रोल-डीजल के विकल्प तौर पर एथेनॉल से चलने वाली वाहनों को तैयार करने पर जोर दे रही है. l बाकी पेज 17 पर सिंचाई प्रोजेक्टों में मांगा इस मौके पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि ऐसा करने से प्रदूषण में कमी आयेगी और यह काफी सस्ता भी होगा. गडकरी ने कहा की एथेनाल को मक्का, गन्ना, मुलासी और पराली से बनाया जा सकता है और यह पेट्रोल के मुकाबले 50% सस्ती होगी.
बिहार में इसका प्रयोग काफी लाभदायक हो सकता है और इससे गरीब, मध्यवर्ग और किसानों को फायदा होगा. साथ ही रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे. सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों का भी विकल्प तलाश रही है और देश में बिजली की पूर्ण उपलब्धता होने पर ईंधन की खपत और खर्च में काफी कमी आयेगी. इससे किराया भी आधा हो जायेगा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा की यह कम खर्चीला और लोगों के लिए फायदेमंद होगा. एथेनॉल बनाने में पैसा भी कम लगेगा और प्रदूषण पर रोक लगाने में मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में एथेनॉल बड़ी मात्रा में तैयार होता है और देश में सबसे अधिक मोटरसाइकिल बिहार में ही खरीदी जाती है.
एथेनॉल के प्रयोग से राज्य के किसानों और आम लोगों को फायदा होगा. लोगों के ईंधन खर्च में कमी आयेगी. मुख्यमंत्री ने एथेनॉल के व्यावसायिक प्रोमोशन पर बल देते हुए कहा कि प्राइवेट और व्यावसायिक दोनों रूप में जब एथेनॉल का उपयोग किया जायेगा तो इसका और अधिक फायदा लोगों तक पहुंचेगा. गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी के बाद एथेनॉल काफी मात्रा में है. बिहार में एथेनॉल प्रयुक्त वाहनों से लोगों को काफी फायदा और आर्थिक लाभ लाभ भी मिलेगा. लेकिन इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने की व्यवस्था करनी होगी.
कृषि उत्पाद से बन सकता है एथेनॉल
मौजूदा समय में कच्चे तेल के आयात पर सात लाख करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं. एथेनाॅल के प्रयोग से सरकार ईंधन पर खर्च को कम करना चाहती है. सरकार गेहूं, धान, बांस की पराली के अलावा अन्य चीजों से एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने पर काम कर रही है. एक टन धान की पराली से 280 लीटर एथेनॉल बन सकता है. अगर ऐसा हुआ तो इसका लाभ किसानों को भी मिलेगा. इससे देश में एक नया उद्योग खड़ा होगा. यह प्रदूषण मुक्त और स्वच्छ ईधन होगा.
एक साथ चुनाव कराना सही, लेकिन लगेगा वक्त
नीतीश कुमार ने एक सवाल पर कहा कि वह शुरू से ही लोकसभा व विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के विचार के पक्षधर रहे हैं. यदि दोनों चुनाव साथ होते हैं तो समय के साथ ही खर्च भी बचेगा. इसका उपयोग विकास में होगा. वर्तमान में हर साल कहीं-न-कहीं चुनाव होते रहता है, इससे संसाधन के साथ ही विकास भी प्रभावित होता है. लेकिन इसमें वक्त लगेगा. क्योंकि इसमें राज्यों की सहमति और सभी दलों के बीच भी सहमति बनानी होगी. उन्होंने 2019 में लोकसभा के साथ ही बिहार विधानसभा चुनाव की संभावना से साफ तौर पर इन्कार किया.
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