पटना: मैडम, इतनी गरमी है. परीक्षा सिर पर है. हम हॉस्टल में रहते हैं, लेकिन हमें कोई सुविधा नहीं मिलती है. अभी कुछ दिनों से तो हद ही हो गया है. पीने को पानी तक हॉस्टल की वार्डन हमें नहीं देती है. हम थक कर आपके पास आये हैं. गरमी में परेशान कुछ लड़कियों ने महिला थाना में बुधवार को एक हॉस्टल वार्डन के खिलाफ मामला दर्ज करवाया. नया टोला गोविंद मार्केट में स्थित एक प्राइवेट हॉस्टल की इन लड़कियों ने वार्डन के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा है कि हॉस्टल में किसी भी प्रकार की सुविधाएं नहीं दी जाती हैं.
सीट लेने के समय तरह-तरह के वादे : होस्टल में सीट लेने के समय तो कई सुविधाएं गिनायी जाती हैं, लेकिन रहने के बाद शायद ही कोई सुविधा मिलती है. रागिनी (परिवर्तित नाम) ने बताया कि वह हॉस्टल में करीब एक साल से रह रही हैं, लेकिन उन्हें ठीक तरीके से भोजन नहीं मिलता. पार्वती (परिवर्तित नाम) ने बताया कि उन्हें सप्लाइ वाटर पर निर्भर रहना पड़ रहा है. हॉस्टल के एक छोटे-से कमरे में तीन से चार बेड लगाये गये हैं. कुरसी और टेबुल लगाने की जगह नहीं है. निजी गल्र्स हॉस्टल के खिलाफ महिला आयोग और महिला थानों में लगातार ऐसे मामले दर्ज हो रहे हैं. कुछ दिनों पहले जेडी वीमेंस कॉलेज के पीछे स्थित एक प्राइवेट गल्र्स हॉस्टल की लड़कियों ने हॉस्टल में सुविधाएं नहीं मिलने के खिलाफ महिला हेल्प लाइन में शिकायत दर्ज कराया था.
इस संबंध में थानाध्यक्ष मृदुला कुमारी ने कहा कि कुछ लड़कियां हॉस्टल के खिलाफ कंप्लेन करने आयी थीं. मामला दर्ज होने के बाद हॉस्टल की मालकिन को काउंसेलिंग के लिए बुलाया गया है. लड़कियों का आरोप है कि हॉस्टल वाले पैसे तो खूब लेते हैं, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं देते. पीने के पानी तक की किल्लत है.