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बिहार : सर्दी से सहमा शहर, कहीं आपको बीमार न कर दे यह मौसम

कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त, बच्चों और बुजुर्गों काे खास सावधानी बरतने की जरूरत कनकनी भरी ठंडी हवा से बचने के लिए कहीं आग तो कहीं हीटर का प्रबंध पटना : दिसंबर के अंतिम सप्ताह में शहर का तापमान लगातार गिर रहा है. शुक्रवार को इस मौसम की रिकॉर्ड तोड़ ठंडी पड़ी. इसका असर […]

कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त, बच्चों और बुजुर्गों काे खास सावधानी बरतने की जरूरत
कनकनी भरी ठंडी हवा से बचने के लिए कहीं आग तो कहीं हीटर का प्रबंध
पटना : दिसंबर के अंतिम सप्ताह में शहर का तापमान लगातार गिर रहा है. शुक्रवार को इस मौसम की रिकॉर्ड तोड़ ठंडी पड़ी. इसका असर फुटपाथ और रैन बसेरा से लेकर आलीशान फ्लैटों में रहने वाले लोगों तक दिखा.
कनकनी भरी ठंडी हवा से बचने के लिए फुटपाथों पर जहां-तहां अलाव जलाये गये, वहीं मध्यम व उच्च वर्ग के लोगों ने ब्लोअर व हीटर का मजा लिया. ठंड बढ़ने का असर सबसे अधिक छोटे स्कूली बच्चों पर दिख रहा है. सुबह-सुबह कोहरे व कनकनी के बीच उन्हें स्कूल जाने की मजबूरी रही. हालांकि दो जनवरी तक आठवीं कक्षा तक के बच्चों की छुट्टी ने कुछ राहत दी है. ठंड के चलते सरकारी कार्यालयों में कर्मियों की उपस्थिति कम रही जबकि सड़कों पर भी वाहन कमी दिखे. ठंड में लोगों ने चाय-कॉफी के साथ पकौड़ी व लिट्टी चोखा का आनंद लिया.
पिछले एक सप्ताह से राजधानी पटना में जारी ठंड लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर डाल रही है. इस मौसम में बीमारियों से बचने के लिए खास सावधानी बरतने की जरूरत है. खास कर बच्चों और बुजुर्गों का खास ख्याल रखना चाहिए. इनके लिए सही समय पर बचाव और इलाज तो जरूरी है ही, इससे भी ज्यादा जरूरी है इन बीमारियों की पहचान. गैस्ट्रोकेयर के पेट रोग विशेषज्ञ डॉ मनोज कुमार ने कहा कि इन बीमारियों के बारे में जानकारी होने पर ही आप इनसे बच सकते हैं.
हेल्थ को लेकर रहें अलर्ट
– सांस की समस्या: सर्दी में कुछ मरीजों, खास कर अस्थमा के रोगियों को सांस लेने में बहुत परेशानी होती है.ठंडी हवा या ठंडे स्थानों पर जाने से यह समस्या गंभीर हो सकती है. इससे बचने के तरीकों को जान लें और दमा की दवा हमेशा साथ रखें.
– जोड़ों की समस्या : इस मौसम में जोड़ों के दर्द की परेशानी बढ़ जाती है. कमजोर हड्डी वाले लोग खास कर बुजुर्ग मरीजों को मालिश और सही व्यायाम अपनाने की जरूरत है. खान-पान पर रखें विशेष ध्यान.
– ब्लड प्रेशर : रक्तचाप अधि‍क होने से हृदय संबंधी तकलीफें भी हो सकती हैं. इसके लिए व्यायाम व सही उपचार पर ध्यान देना चाहिए.
– सीने में दर्द : सर्दी से कफ या अन्य कारणों से सीने में दर्द की समस्या हो सकती है. लेकिन अगर आपको खांसी भी हो रही है, तो सीने में यह दर्द जलन भी दे सकती है. साथ ही सांस लेने में तकलीफ हो सकती है.
– सर्दी, खांसी और जुकाम : ठंड के मौसम में सर्दी होना आम बात है, लेकिन इसका सही तरीके से ध्यान नहीं रखा गया तो यह खांसी, जुकाम और गले में खराश का कारण बन सकती है. इनसे बचने के लिए ठंडी चीजों को खाने या पीने से परहेज करें और शरीर को साफ व ठीक तरीके से ढक कर रखें. गले की खराश में नमक पानी से गरारे करना अच्छा है.
– सिर में दर्द : ठंड के कारण सिर में दर्द होना भी सामान्य बात है, लेकिन इससे बचने के लिए आपको ठंडी हवाओं से बचने की जरूरत होगी. सिर को किसी कपड़े, स्कार्फ या मफलर से ढक कर रखें, ताकि ठंडी हवा न लगे.
हीटर, कंबल, मीट और आंवले की विशेष व्यवस्था
पटना : ठंड का असर जैसे जैसे बढ़ रहा है उसके कारण आदमी के साथ जानवर के लिए भी विशेष व्यवस्था करनी पड़ रही है. सर्दी के बढ़ते ही पटना जू के जानवरों को ठंड से बचाने के लिए हीटर लगाने के साथ ही दूसरे उपाय भी किए गए हैं. उन्हें ठंड से बचाने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाये गये हैं.
कुछ जानवरों के खाने की डोज बढ़ायी गयी है और मल्टी विटामिन दिया जा रहा है. कुछ जानवरों को खाने में आंवला दिया जा रहा है, ताकि उन्हें विटामिन मिलता रहे और वे ठंड से बच सकें. लॉयन, टाइगर और पैंथर जैसे जानवरों के बाड़े में हीटर लगाया गया है. यह 24 घंटे चलता है साथ ही इनके केज में लकड़ी का प्लेटफॉर्म भी तैयार किया गया है, ताकि इन्हें नीचे से ठंड न लगे. इसके अलावा जानवरों के लिए टाट की व्यवस्था भी की गयी है.
– जानवरों को ठंड से बचाने के लिए ये तरीके अपनाये गये हैं-
-लॉयन, टाइगर और पैंथर जैसे जानवरों के बाड़े में लगातार चल रहा है हीटर
-इन्हें ठंड से बचाने के लिए इन दिनों 11-12 किलो मीट दिया जा रहा है
-हिरण, दरियाई घोड़ा आदि जानवरों को खाने में दिया जा रहा है आंवला
शीतलहर से साढ़े तीन लाख लोग प्रभावित, 513 जगह जले अलाव
पटना. प्रदेश में शीतलहर से करीब 3,65,500 लोग प्रभावित बताये जाते हैं. शुक्रवार को ठंड से बचाव के लिए सरकार ने चौक-चौराहों पर शाम साढ़े छह से रात साढ़े आठ बजे तक अलाव जलाने की व्यवस्था की. पूरे राज्य में गुरुवार को करीब 513 जगह 7882 किग्रा लकड़ी जलायी गयी.
वहीं अब तक 20,195 किग्रा लकड़ी जलायी जा चुकी है. शीतलहर से सबसे अधिक कटिहार जिले में 1,93,000 लोग प्रभावित हुए हैं.
आपदा प्रबंधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस समय राज्य में कहीं से भी शीतलहर से मौत की सूचना नहीं मिली है. गरीबों को ठंड से बचाने के लिए अब तक 21 रैन बसेरों की व्यवस्था की गयी है. इसमें करीब 1360 लोगों ने रात गुजारी. पटना जिले में गुरुवार को 90 जगह अलाव जलाये गये.
रबी के लिए फायदेमंद मगर सब्जी व फूलों के लिए नुकसान करता है कोहरा
पटना . सूबे में कोहरे का कहर जारी है. रात से लेकर दिन में भी आसमान कोहरा से भरा हुआ रहा रहा है. कोहरे के इस प्रभाव से कई जगह फायदेमंद तो किसी फसल के लिए नुकसान देने वाला है. कोहरा जहां रबी मसलन गेहूं, जौ ज्वार एवं बाजरा के लिए वरदान सिद्ध हो रहा रहा है. लगातार कोहरा इन सभी प्रकार के फसलों का उत्पादन बढ़ाने वाला है. आत्मा के परियोजना उपनिदेशक ब्रजेंद्र मणी के अनुसार इस समय कृषकों को अपने फलों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है.
– नुकसान से बचने के लिए करें सिंचाई : लगातार कोहरा फूलों के लिए नुकसानदेह होता है. इन दिनों में गुलाब व गुलदाउदी व डहेलिया फूलों को नुकसान होता है. कोहरा के कारण फुल गिरने लगता है. इसके अलावा लाही कीड़ा लगने लगता है. इसके अलावा कोहरा से सब्जी में गोभी, नेनुआ,परोरा, तरोई, मटर का नुकसान होता है. वैज्ञानिकों के अनुसार इनसे बचाव के लिए सिंचाई करने की जरूरत होती है.

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