Advertisement
छात्रहित पर जोर, सुरक्षा की उड़ती रही धज्जी
कई फैसलों को लेकर सुर्खियों में रहा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड पटना : अलविदा कहने को तैयार वर्ष 2017 में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसइ) सुर्खियों में रहा. बोर्ड ने छात्रहित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये, वहीं बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुलती रही. बोर्ड से संबद्धता प्राप्त स्कूलों में घटित […]
कई फैसलों को लेकर सुर्खियों में रहा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड
पटना : अलविदा कहने को तैयार वर्ष 2017 में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसइ) सुर्खियों में रहा. बोर्ड ने छात्रहित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये, वहीं बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुलती रही. बोर्ड से संबद्धता प्राप्त स्कूलों में घटित कुछ घटनाओं ने तो अभिभावकों समेत देश भर को दहला कर रख दिया.
सुप्रीम कोर्ट का एक आदेश आने के बाद साल के आरंभ से ही बोर्ड बार-बार स्कूलों को सुरक्षा के प्रति आगाह करता रहा. इस वर्ष 23 फरवरी को स्कूली बसों की सुरक्षा को लेकर बोर्ड ने एक वृहद सर्कुलर जारी किया, लेकिन बसों में अब तक सर्कुलर का समुचित पालन नहीं किया जा रहा है.
वहीं सितंबर में गुरुग्राम स्कूल में छात्र की निर्मम हत्या की घटना के बाद बोर्ड ने 16 फरवरी 2004 से लेकर मौजूदा वर्ष तक के एक दर्जन सर्कुलर का हवाला देते हुए 12 सितंबर को भी एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें कर्मचारियों का साइकोमेट्रिक टेस्ट तक कराने का निर्देश दिया गया, लेकिन कुछ स्कूलों की आपत्ति के कारण यह टेस्ट अभी विचाराधीन है. बोर्ड की एक कमेटी इस पर रिपोर्ट तैयार कर रही है. इस तरह वर्ष 2017 में घटना-दुर्घटनाओं को लेकर चर्चा में रहे.
परीक्षा पैटर्न में बदलाव व अन्य फैसले
इस वर्ष सकारात्मक पहलू रहा कि बोर्ड ने छात्रहित में परीक्षा पैटर्न में परिवर्तन का फैसला लेते हुए इसे लागू कर दिया है. बोर्ड में अब सीसीइ को समाप्त कर दिया गया है. जबकि 10वीं की स्कूल आधारित परीक्षा को समाप्त कर बोर्ड बेस्ड कर दिया गया है. इसे गुणवत्ता के दृष्टिकोण से बोर्ड का अच्छा निर्णय माना जा रहा है. इसके अलावा इस से परीक्षार्थियों के लिए आधार कार्ड आदि भी अनिवार्य किया गया है.
वर्ष के दौरान बोर्ड की ओर से आयोजित परीक्षाओं को लेकर अभिभावकों की ओर से खासी शिकायतें नहीं रहीं. आगामी वर्ष में परीक्षा के समय से आयोजन से लेकर त्रुटि रहित रिजल्ट के प्रकाशन के लिए भी बोर्ड की ओर से कई महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं. इसके अलावा बोर्ड द्वारा रि-एडमिशन के नाम पर ली गयी फीस वापस करने तथा केवल एनसीइआरटी की किताबों की ही बिक्री व अन्य प्रकाशकों की किताबों पर रोक लगाये जाने से अभिभावकों को राहत मिली.
सीआईएससीई : सिलेबस में बदवाव का वर्ष
पटना : काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) के लिए यह बदलाव का वर्ष रहा. काउंसिल की ओर से इस वर्ष सिलेबस बदलाव कर नर्सरी से लेकर आठवीं कक्षा तक के सिलेबस में एकरूपता लाया गया. यह सिलेबस नये सत्र से लागू होगा. जबकि नौवीं से 12वीं कक्षा तक के सिलेबस को लेकर भी कई परिवर्तन किये हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement