पटना सिटी: क्षेत्र में भूमिगत जर्जर पाइप लाइन की वजह से कई जगहों पर दूषित पेयजल आपूर्ति की शिकायत मिल रही है. दूषित पेयजल बीमारी का कारण बन रहा है.
नल से गिरता है पीला पानी
भैसानी टोला, मीर शिकार टोली, नून का चौराहा व मालसमाली सहित अन्य इलाकों में गंदे पेयजल की आपूर्ति हो रही है. लोगों का कहना है कि घरों में सप्लाइ से आनेवाला पानी पीला व कचरायुक्त है. काफी देर के बाद साफ पानी आता है, लेकिन वह भी दूषित ही रहता है. गरमी के मौसम में यह समस्या और भी बढ़ जाती है. दूषित पेयजल के कारण डायरिया, पीलिया व अन्य संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ जाता है.
शिकायत की सुनवाई नहीं
लोगों कहना है कि इस संबंध में कई बार अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी है. इस स्थिति में दूषित पेयजल का सेवन उन्हें विवश होकर करना पड़ता है. नेहरू टोला इलाके में हमेशा जलजमाव रहता है. सप्लाइ पाइप लाइन नाले से होकर ही गुजरता है. पाइप लाइन जजर्र हो जाने के कारण नाले के संपर्क में आकर गंदा पानी घरों तक पहुंच रहा है. पानी में प्रेशर बढ़ने पर साफ पानी मिल पाता है.
पटुए का अभाव
स्थिति यह है कि विभाग के पास पुराने जर्जर पाइप को बांधने के लिए पटुआ (पतली रस्सी) तक उपलब्ध नहीं है. पुराने टायर की मदद से फटे पाइप को किसी तरह बांध कर काम चलाया जाता है. भूमिगत पाइप को बदलने के लिए आवंटन का अभाव है. डॉ दशरथ प्रसाद का कहना है कि अधिकतर बीमारियों की वजह दूषित पेयजल है.
इधर, अगमकुआं थाना क्षेत्र के भूतनाथ रोड के कई निजी छात्रवासों के विद्यार्थियों ने बताया कि दूषित पानी से बचने के लिए दूर स्थित चापाकल से पानी लाकर पीने में इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन दैनिक कार्यकलाप के लिए सप्लाइ वाटर का ही इस्तेमाल करते हैं. विद्यार्थियों के अनुसार क्षेत्र में पेयजल संकट की समस्या वर्षो से है. ऐसे में पानी गिरता भी है ,तो वह भी दूषित. क्षेत्र के पाइप लाइन पुराने व जजर्र को चुके हैं. इस कारण मटमैला व गंदा पानी नलों से टपकता है. नवयुवक विकास सेवा समिति के अध्यक्ष प्रभात जायसवाल, मो अनवर व डॉ विकास ने क्षेत्र में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए जलमीनारों को फिर से शुरू करने की मांग सरकार से की है.