पटना : राज्य सरकार के किसी भी स्तर के कर्मचारियों या पदाधिकारी के खिलाफ अब तमाम तरह के आरोपों की जांच कराने के लिए इसे एक खास किस्म के फॉरमेट में भरकर देना होगा.
यह आरोप पत्र सामान्य प्रशासन विभाग या संबंधित विभाग में जमा करने होंगे. आईएएस या बिहार प्रशासनिक सेवा या इसके समकक्ष अधिकारियों पर लगे आरोपों को इस खास किस्म के फॉरमेट में भरकर सामान्य प्रशासन विभाग में जमा करवाना होगा. जबकि इससे नीचे के कर्मियों के लिए यह फॉरमेट संबंधित विभाग में भरकर जमा करना होगा.
राज्य सरकार ने इसके लिए एक नयी नियमावली तैयार की है, जिसका नाम ‘बिहार सरकारी सेवकों के विरुद्ध आरोप पत्र का गठन विनियमावली, 2017’ रखा गया है. इसे लागू करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों और जिलों को आदेश भी जारी कर दिया है. पहले इस तरह की व्यवस्था नहीं थी, किसी भी सरकारी कर्मी के खिलाफ आरोप कागज पर लिखकर भेजे जाते थे. इसमें किसी तरह के फॉरमेट का प्रयोग नहीं होता था.
इस नये आरोप-पत्र के प्रारूप चार भाग में रखा गया है. सभी हिस्सों को समुचित तरीके से भरकर संबंधित कर्मी के खिलाफ आरोप दाखिल करना होगा. इसके पहले हिस्से में संबंधित सरकारी सेवक की तमाम व्यक्तिगत सूचनाएं दर्ज की जायेंगी.
दूसरे हिस्से में अवचार या कदाचार के तमाम आरोपों का सार प्रस्तुत करना होगा. ये सभी आरोप एक
सुनिश्चित और स्पष्ट तरीके से अंकित किये जायेंगे, जिससे किसी को पढ़कर यह साफ हो जाये कि संबंधित अधिकारी या कर्मी ने क्या और कहां गलती की है.
तीसरे हिस्से में आरोप के प्रत्येक मद के समर्थन में कदाचार के सभी आरोपों से संबंधित तथ्यों या दस्तावेजों का उल्लेख रहेगा, जिसके आधार पर गड़बड़ी साबित होती है. साथ ही संबंधित सरकारी सेवकों का इस आरोप से जुड़ा बयान भी रहेगा. चौथे हिस्से में सभी दस्तावेजों की एक सूची तथा उनसे जुड़े साक्ष्यों की एक सूची मौजूद रहेगी, जिसके आधार पर तमाम आरोपों को सिद्ध किया जा सकता है.