फुलवारीशरीफ : इसापुर के हिंदुनी-गोनपुरा मार्ग पर बहादुरपुर के पास रविवार को बोलेरो ने बाइक सवार दो युवकों को कुचल दिया. घटना में छात्र रणधीर पासवान की मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि उसका चचेरा भाई राजकुमार गंभीर रूप से घायल हो गया. घटना से आक्रोशित स्थानीय लोगों ने बोलेरो को आग के हवाले कर दिया. उग्र लोगों व परिजनों ने हिंदुनी-गोनपुरा मार्ग को जाम कर यातायात घंटों बाधित रखा. वे मुआवजे की मांग कर रहे थे.
सूचना मिलते ही मौके पर डीएसपी इम्तियाज अहमद, थानाध्यक्ष अब्दुल गफ्फार दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए पीएमसीएच भेज दिया. मौके पर काफी देर से पहुंचे अग्निशमन वाहन पहुंचा. तब तक बोलेरो पूरी तरह जल कर राख हो चुकी थी. बीडीओ नौशाद अहमद खान व एसडीओ पंकज दीक्षित ने मुआवजे की घोषणा की.
रसोई गैस सिलिंडर लेकर आ रहा था : राजकुमार की आठ मई को शादी होने वाली है. एक मई को तिलक था. घर में शादी का माहौल था. राजकुमार व रणधीर रसोई गैस लेकर अपने घर आ रहे थे. सामने से आ रही अनियंत्रित बोलेरो ने मोटरसाइकिल में जोरदार टक्कर मार दी. इसमें मौके पर ही छठे वर्ग के छात्र रणधीर पासवान की मौत हो गयी. सूचना मिलते ही भारी संख्या में गांव के लोग वहां जमा हो गये. बोलेरो चालक किसी तरह अपनी जान बचा कर भाग निकला. पुलिस के लाख समझाने का लोगों पर कोई असर नहीं हो रहा था. स्थानीय लोग मुआवजे की मांग को लेकर शव के साथ प्रदर्शन करते रहे. लगभग चार घंटे के बाद 20 हजार रुपये सामाजिक सुरक्षा के तहत व 15 सौ रुपये कबीर अंत्येष्टि के तहत दिये जाने की घोषणा के बाद जाम खत्म हुआ.
शादी का माहौल मातम में बदला : रमेश पासवान के घर में शादी की तैयारी चल रही थी. घर में मेहमानों के आने का तांता लगा. महिलाएं शादी की गीत गाने में मशगूल थी. तभी एक मनहूस खबर ने शादी के माहौल को मातम में बदल दिया. एक मई को तिलक की तैयारी के लिए रणधीर व उसका चचेरा भाई बाइक से गैस लेकर राय चौक से लौट रहा था, कि अचानक बोलेरों ने दोनों कुचल डाला. घटना की सूचना पाकर घर की महिला, पुरुष व बच्चे जैसे थे.
उसी हालत में घटनास्थल की तरफ दौड़ पड़े. सड़क पर रणधीर का शव पड़ा था. वहीं एक तरफ देव कुमार घायल चीख रहा था. लोगों ने अविलंब उसे अस्पताल ले गये. हादसे के बाद वाहन चालक गाड़ी छोड़कर फरार हो गया. आक्रोशित लोगों ने बोलेरों को आग के हवाले कर दिया. मृतक तीन भाइयों में सबसे बड़ा था. छोटा भाई सुधीर व सन्नी अपने भाई के मौत से इस कदर बेचैन थे. जैसे उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या होगा. मां अपने बेटे की शव को गोद में लेकर सीना पीट-पीट कर रो रही थी. आसपास खड़े गांव के लोगों में इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह मां को समझा सके. इस घटना के बाद रविवार को गांव के किसी भी घर में चूल्हा नहीं जला. चारों तरफ चीख-पुकार से माहौल गमगीन था.