18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लाइसेंसधारियों की बंदूक खाली, नहीं मिल रही गोली व नये हथियार का लाइसेंस

पटना: लाइसेंसधारियों ने अपनी गोलियां खत्म कर दी हैं. इसके बाद अब गोलियों के लिए वे दुकानों के चक्कर लगा रहे हैं, जहां से उनको गोलियां नहीं मिल रही हैं. हालत यह है कि साल में लाइसेंसी बंदूकधारियों को 50 गोलियां मिलती हैं, लेकिन ऐसे सैंकड़ों लाइसेंसधारी हैं, जिनको 15 से 25 गोलियां ही मिली […]

पटना: लाइसेंसधारियों ने अपनी गोलियां खत्म कर दी हैं. इसके बाद अब गोलियों के लिए वे दुकानों के चक्कर लगा रहे हैं, जहां से उनको गोलियां नहीं मिल रही हैं. हालत यह है कि साल में लाइसेंसी बंदूकधारियों को 50 गोलियां मिलती हैं, लेकिन ऐसे सैंकड़ों लाइसेंसधारी हैं, जिनको 15 से 25 गोलियां ही मिली हैं. ऐसे में उनकी बंदूकें खाली हो गयी हैं.

दूसरी ओर बंदूक के लाइसेंस के लिए आवेदन जिलाधिकारी के पास पहुंच रहे हैं, लेकिन विगत पांच माह में एक भी लाइसेंस लोगों को नहीं मिला है. ऐसे में बंदूक लेकर घूमने वाले लोग परेशान हो गये हैं. प्रशासन का कहना है कि डाटाबेस का काम चलने की वजह से फिलहाल गोलियों की आपूर्ति सीमित की गयी है.

नये लाइसेंस के लिए20हर माह पहुंचते हैं 50 से अधिक आवेदन
हाल के दिनों में नये लाइसेंस को लेकर हर माह 50 से अधिक आवेदन आते हैं, लेकिन जब आवेदक की जरूरत को देखा जाता है, तो करीब 10 आवेदनों को ही स्वीकृति मिल पाती है और बाकी सभी आवेदन रिजेक्ट हो जाते हैं. लाइसेंस देने के दौरान आवेदकों की जरूरत की समीक्षा होती है और लाइसेंस क्यों दिया जाये, इसकी पूरी समीक्षा करने के बाद ही किसी को आर्म्स लाइसेंस मिलता है. क्योंकि अधिकांश लोग लाइसेंस दिखावा करने के लिए भी लेना चाहते हैं. अत: प्रशासन की जांच के बाद उनको लाइसेंस नहीं दिया जाता है.
लेकिन आठ हजार लोगों का ही मिला डाटाबेस
आजादी के समय से लेकर पटना जिले में अब तक लगभग 40 हजार से अधिक लोगों को आर्म्स लाइसेंस दिया गया है, लेकिन पिछले कई माह से जब लाइसेंस जमा या सत्यापन के लिए लाइसेंस धारियों को अखबारों के माध्यम से सूचना दी गयी, तो मात्र आठ हजार लोग जिला प्रशासन कार्यालय आर्म्स लेकर पहुंचे. इनका सत्यापन किया गया और बाकी सभी का लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गयी है. क्योंकि जुलाई तक आर्म्स लाइसेंस का एक नया डाटाबेस तैयार किया जायेगा, जिसके बाद उनकी पहचान करना काफी आसान रहेगा.
आर्म्स लाइसेंस देने में काफी सतर्कता बरती जाती है, लेकिन समीक्षा के दौरान यह बात आयी है कि बहुत से लाइसेंस लेने के बाद कभी सत्यापन के लिए जिला प्रशासन नहीं आते हैं. ऐसे लोगों को नोटिस भेजा गया है. अब तक आठ हजार लोगों का डाटाबेस तैयार कर लिया गया है. जहां तक गोलियां व नये आवेदनों की स्वीकृति की बात है, तो उस दिशा में काम चल रहा है. जल्द दोनों लंबित काम शुरू हो जायेंगे.
संजय कुमार अग्रवाल, डीएम पटना

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें