हर साल रेलवे को 100 करोड़ से अधिक की होगी बचत
पटना : रेलवे ने छोटी-छोटी फिजूल खर्ची पर अंकुश लगाना शुरू कर दिया है, ताकि राजस्व की बचत हो और इस बचत से यात्री सुविधाओं को बेहतर करने पर खर्च किया जा सके. अब रेलवे द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में दिये जाने वाले फूलों के गुलदस्ते और नये वर्ष पर प्रिंटेड ग्रीटिंग कार्ड बांटने के प्रचलन पर रोक लगा दी गयी है.
रेलवे बोर्ड ने मंगलवार को जारी अधिसूचना में सभी रेल जोन को निर्देश दिया कि कार्यक्रमों में मुख्य अतिथियों के साथ-साथ दर्जनों अतिथियों को फूलों का गुलदस्ता नहीं दें. इसके साथ ही नये वर्ष की शुभकामना देने के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा प्रिंटेड कार्ड बांटा जाता है. इस प्रचलन पर भी रोक लगा दी गयी है और कहा गया है कि नये वर्ष की शुभकामना ई-मेल के जरिये भेजना सुनिश्चित करेंगे.
रेलवे द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में दिये जाने वाले फूलों के गुलदस्ते पर 10 से 15 हजार रुपये खर्च किये जा रहे थे. छोटे-छोटे कार्यक्रम में भी पांच से दस हजार रुपये के फूलों के गुलदस्ते की खरीद की जा रही थी.
वहीं, नया वर्ष शुरू होने से पहले जोन द्वारा थोक में ग्रीटिंग कार्ड व कैलेंडर प्रिंट करवाये जाते हैं. रेलवे अधिकारी ने बताया कि हर साल इन पर प्रतिवर्ष सौ करोड़ रुपये से अधिक खर्च आता है, जो अब बचेंगे.
अब ई-गवर्नेंस की ओर बढ़ रहे हैं कदम प्रिंटेड ग्रीटिंग कार्ड के बदले ई-मेल पर शुभकामनाएं भेजी जायेंगी, जो ई-गवर्नेंस की ओर कदम बढ़ाना है. वहीं, फूलों का गुलदस्ता देने से पैसे की बर्बादी होती थी. इस पर रोक लगाने को लेकर रेलवे बोर्ड के निर्देश पर जोन में भी रोक लगा दी गयी है. राजेश कुमार, सीपीआरओ, पूर्व मध्य रेल