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वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को अब घर पर ही मिलेंगी बैंकिंग की सुविधाएं…जानिए कैसे

पटना : अब वरिष्ठ नागरिकों व दिव्यांगों को घर पर ही बैंकिंग सुविधाएं मिलेंगी. आरबीआई ने पिछले दिनों इस संबंध में देश के सभी सार्वजनिक व निजी बैंकों को आदेश दिया है कि 70 साल से अधिक के बुजुर्गों व शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को उनके घर जाकर सामान्य बैंकिंग की सुविधाएं दी जाएं. […]

पटना : अब वरिष्ठ नागरिकों व दिव्यांगों को घर पर ही बैंकिंग सुविधाएं मिलेंगी. आरबीआई ने पिछले दिनों इस संबंध में देश के सभी सार्वजनिक व निजी बैंकों को आदेश दिया है कि 70 साल से अधिक के बुजुर्गों व शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को उनके घर जाकर सामान्य बैंकिंग की सुविधाएं दी जाएं. बैंक अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार सार्वजनिक व निजी बैंकों के अलावा वित्तीय व पेमेंट बैंकों के लिए भी रिजर्व बैंक ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा है कि ऐसा देखा गया है कि कई बार बैंक वरिष्ठ नागरिकों व दिव्यांगों को हतोत्साहित करके निराश लौटा देते हैं.
डिजिटल लेन-देन व एटीएम के प्रयोग को प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता के बावजूद वरिष्ठ नागरिकों व दिव्यांगों के प्रति संवेदनशील होना जरूरी है. बैंकों को यह सलाह दी जाती है कि वे उन्हें मूलभूत बैंकिंग सुविधाएं देने के लिए संयुक्त रूप से काम करें. रिजर्व बैंक का यह आदेश सभी बैंकों के लिए भी हैं. बैंकों को 31 दिसंबर, 2017 तक हर हाल मेें लागू करना है. साथ ही उन्हें अपने बैंक शाखाओं व वेबसाइट्स पर जानकारी देने को कहा है.
– खाते की स्थिति में स्वतः परिवर्तन
वर्तमान में कुछ बैंकों में पूर्णतः केवाईसी-अनुपालित खातों को भी बैंक के अभिलेखों में दर्ज जन्मतिथि के आधार पर ‘वरिष्ठ नागरिक खातों’ में स्वतः परिवर्तित नहीं किया जाता. रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को आदेश दिया है कि पूर्णतः केवाईसी-अनुपालित खाते बैंक के अभिलेखों में उपलब्ध जन्मतिथि पर ‘वरिष्ठ नागरिक खातों’ में स्वतः परिवर्तनीय बनाये.
(डोर-स्टेप) बैंकिंग
दरवाजे पर
रिजर्व बैंक ने दरवाजे पर (डोर-स्टेप) बैंकिंग पर अनुदेश जारी किये हैं. अगर 70 वर्ष से अधिक की आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों और दृष्टिबाधित व्यक्तियों सहित, दिव्यांग अथवा नि:शक्त व्यक्तियों की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए, बैंकों को आदेश जारी किया है कि वे ऐसे ग्राहकों के परिसर आवास पर बुनियादी बैंकिंग सेवाएं, जैसे कि रसीद देकर नकदी और लिखित प्राप्त करना, खाते से आहरण के हिसाब से नकदी की सुपुर्दगी, डिमांड ड्राफ्ट की सुपुर्दगी, अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) दस्तावेज और जीवन प्रमाण-पत्र की प्रस्तुति आदि के लिए ठोस प्रयास करें.
दिव्यांगों के लिए विशेष काउंटर
रिजर्व बैंक ने सार्वजनिक व निजी बैंकों को आदेश दिया है कि वे वरिष्ठ नागरिकों, दृष्टि बाधित व्यक्तियों व दिव्यांगों को प्राथमिकता देनेवाले काउंटर उपलब्ध कराएं. साथ किसी भी ग्राहक के स्वयं उपस्थित होने पर जोर नहीं देंगे. मांग प्राप्त होने पर बैंक चेक बुक जारी कर सकते हैं.
दृष्टिबाधित ग्राहकों के लिए
रिजर्व बैंक ने साथ निर्देश दिया है कि बैंकों में ग्राहक सेवा पर 1 जुलाई 2015 के मास्टर परिपत्र 9 के द्वारा बीमार, बूढ़े, अक्षम व्यक्तियों को प्रदत्त सुविधाएं (अंगूठे अथवा पैर के अंगूठे के नि‍शान की दो स्वतंत्र गवाहों द्वारा पहचान के माध्यम से खाते के परिचालन और ऐसे व्यक्ति को अधिकृत करना जो ऐसे ग्राहकों की ओर से धनराशि आहरित करेगा, के संबंध में) दृष्टि बाधित व्यक्तियों को भी प्रदान की जायेंगी.
सरकारी और बैंक लेखा विभाग द्वारा जारी मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, जीवन प्रमाण योजना के अंतर्गत डिजिटल डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र की सुविधा के अलावा, पेंशन वितरित करने वाले बैंक की किसी भी शाखा में पेंशनर जीवन प्रमाणपत्र का भौतिक फार्म प्रस्तुत कर सकता है.
तथापि, यह पाया गया है कि प्राय: प्राप्तकर्ता शाखा द्वारा बैंक की कोर बैंकिंग समाधान (सीबीएस) प्रणाली में उक्त का तुरंत अद्यतन नहीं किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप पेंशनरों को परिहार्य कठिनाई होती है.
बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि जब पेंशन वितरित करने वाले बैंक की किसी शाखा में नॉन-होम शाखा सहित, कोई जीवन प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया जाता है, तो उसे प्राप्तकर्ता शाखा द्वारा ही सीबीएस में तुरंत अद्यतन व अपलोड किया जाता है, ताकि पेंशन राशि जमा होने में किसी प्रकार के विलंब से बचा जा सके.

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