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विश्व दिव्यांग दिवस विशेष : अब दिव्यांग पढ़ेंगे सामान्य विद्यालयों में, स्पेशल शिक्षक घर में देंगे ट्रेनिंग

3 दिसंबर को स्कूलों में होंगे कार्यक्रम पटना : विश्व दिव्यांगता दिवस के अवसर पर तीन दिसंबर को सभी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पेंटिंग, क्विज, निबंध, लेखन व गायन समेत कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा. प्रतियोगिता का आयोजन विद्यालय स्तर से प्रखंड और प्रखंड स्तर से जिला स्तर पर आयोजित कराया जाना […]

3 दिसंबर को स्कूलों में होंगे कार्यक्रम
पटना : विश्व दिव्यांगता दिवस के अवसर पर तीन दिसंबर को सभी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पेंटिंग, क्विज, निबंध, लेखन व गायन समेत कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा. प्रतियोगिता का आयोजन विद्यालय स्तर से प्रखंड और प्रखंड स्तर से जिला स्तर पर आयोजित कराया जाना है.
प्रखंड स्तर पर चयनित प्रतिभागी तीन दिसंबर को बांकीपुर गर्ल्स हाई स्कूल में जिला स्तर पर प्रतियोगिता में भाग लेंगे. प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी में चयनित प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जायेगा. इसके अलावा कई सरकारी स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे.
1177 विशेषज्ञ दिव्यांगों को घर पर देंगे लाइफ स्किल ट्रेनिंग
इसके अलावा विभाग अब वैसे बच्चे जो विद्यालय पहुंच नहीं सकते हैं. उन्हें स्पेशल ट्रीटमेंट के जरिये स्कूली शिक्षा से जोड़ने जा रही है. इसके तहत पूरे बिहार भर में 1177 विशेषज्ञ लाइफ स्किल शिक्षक की व्यवस्था किया गया है. ये सभी शिक्षक वैसे दिव्यांग बच्चों के घरों में जाकर उन्हें लाइफ स्किल की ट्रेनिंग देंगे. जिससे वह काफी हद तक सामान्य प्रक्रिया से जुड़ सकें. इसके लिए कोई भी अभिभावक जिले के सर्व शिक्षा कार्यालय से संपर्क कर बच्चों को घर में डे केयर की सुविधा ले सकते हैं.
समावेशी शिक्षा से जुड़ेंगे बच्चे
अब सूबे के प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में पढ़ रहे दिव्यांग छात्र छात्राओं को सामान्य शिक्षा प्रणाली से जोड़ा जायेगा. इसके लिए विद्यालयाें के शिक्षकों को ट्रेनिंग दी गयी है. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से दिव्यांगों के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया गया है. एनसीईआरटी की ओर से मूक, बधिर व अल्प दृष्टि वाले बच्चों के लिए किताबें भी तैयार की जा रही हैं जिसे वह आसानी से पढ़ और समझ सकें.
जल्द ही इन बच्चों के लिए विद्यालयों में किताबें उपलब्ध करायी जायेगी. एनसीईआरटी की ओर से तैयार मॉड्यूल में अलग-अलग दिव्यांग बच्चों के लिए व्यवस्था की गयी है. उसी के अनुरूप शिक्षकों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है. इसमें दिव्यांग बच्चों को परीक्षाओं के दौरान उन्हें 15 मिनट अधिक का समय दिया जाने से लेकर बोल कर, लिखकर व ब्रेल लिपि किताबों के जरिये शिक्षित किया जाना है. इतना ही नहीं, यदि बच्चा ट्राई-साइकिल पर बैठ कर पढ़ाई कर रहा है, तो उस बच्चे के अनुरूप बेंच-डेस्क व क्लास रूम में ब्लैक बोर्ड की भी व्यवस्था की जानी है.
दिव्यांग बच्चों को अब समावेशी शिक्षा से जोड़ा जाना है. इसके लिए स्कूल शिक्षकों को इसकी विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है.
– प्रेमचंद्र, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, समावेशी शिक्षा, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद

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