पटना : धनकटनी के अवशेष जलाने के कारण उत्तर भारत में बढ़े प्रदूषण देखने के बाद बिहार का प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जाग गया है. बोर्ड ने राज्य में धनकटनी शुरू होने के पहले सभी प्रशासकों और किसानों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि किसान अपने खेतों में कृषि जनित अपशिष्ट जिसमें पुआल, खरपतवार, ईख, डंठल और पत्तियां न जलायें.
बोर्ड के सदस्य सचिव ने आम लोगों से भी अपील जारी करते हुए कहा है प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव को रोकने की दिशा में सभी को पहल करना होगा. जाड़े के मौसम में वायुमंडल के निचले परत में सूक्ष्म कण-पदार्थ एवं कार्बन-कण संघनित होने के कारण, वायु अपने नैसर्गिक गुणों के विपरीत प्रदूषित होकर मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को प्रभावित करती है. वायु प्रदूषण की समस्या से हम सभी अवगत हैं. इस कारण सभी अपने स्तर पर अपेक्षित कार्रवाई करें.