पटना/बक्सर : वर्तमान में शिवहर जिले में तैनात एमवीआई (मोटरयान निरीक्षक) अमिताभ कुमार वर्ष 2011 में नौकरी में आये और महज छह साल में करोड़ से ज्यादा की अवैध संपत्ति जमा कर ली. इनके खिलाफ आय से अधिक (डीए) संपत्ति का मामला दर्ज करते हुए आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने शनिवार को व्यापक स्तर पर छापेमारी की. एमवीआई अमिताभ के पटना में दो तथा पैतृक घर बक्सर जिले के कोरानसराय थाना क्षेत्र के कोपवां गांव और शिवहर में एक-एक ठिकाने पर छापेमारी की गयी. पटना के पॉश इलाके आनंदपुरी इलाके में ‘इंद्रासन’ नामक बड़ा सा घर है.
एमवीआई के अनुसार, यह घर उनके पिता ने बनाया है. इस घर का साजो-सज्जा काफी भव्य है. छापेमारी के दौरान उनके आवास से 950 ग्राम से ज्यादा के सोने के गहने (जिनका बाजार मूल्य 30 लाख के आसपास है) के अलावा दो लाख कैश, एलआईसी में 14 लाख निवेश के कागजात, चार वाहन, आंध्रा बैंक में एक लॉकर, सात बैंक खाते, एटीएम, शॉपिंग कार्ड और बड़े निवेश के कई कागजात मिले हैं. सात बैंक खातों में 26 लाख से ज्यादा रुपये जमा हैं. इसमें कई खाते उनकी पत्नी के नाम पर भी हैं. बैंक लॉकर को अभी नहीं खोला गया है.
ईओयू ने भ्रष्टाचार निवारण निरोध अधिनियम के अंतर्गत एमवीआई अमिताभ कुमार पर फिलहाल 28 लाख रुपये अधिक का आय से अधिक की संपत्ति का मामला दर्ज किया है. जांच पूरी होने के बाद यह रकम बढ़ भी सकती है. इसमें दर्ज जमीन और अन्य संपत्तियों का मूल्य सरकारी रेट पर है, जबकि इनका बाजार मूल्य करोड़ों में है. बरामद किये गये सभी जमीन-जायदाद के कागजातों की जांच भी चल रही है. इनके परिजनों के नाम से एक फॉरच्यूनर, एक वैगन आर, एक फॉक्सवैगन समेत एक अन्य गाड़ी बरामद की गयी है.
जमीन-जायदाद के भी मिले कागजात
छापेमारी में बड़े स्तर पर निवेश और कुछ स्थानों पर जमीन-जायदाद के भी कागजात मिले हैं, जिनकी जांच चल रही है. नयी दिल्ली की एक निजी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी समृद्धि होम्स प्राइवेट लिमिटेड में भी काफी मोटे निवेश के कागजात मिले हैं. छापेमारी के दौरान यह बात सामने आयी कि पटना स्थित घर के पास ही उन्होंने एक फ्लैट किराया पर ले रखा था. इस फ्लैट से वह सरकारी कार्यालय चलाता था. यहां से बड़ी संख्या में पटना, औरंगाबाद समेत कुछ अन्य जिलों के डीटीओ का सरकारी मुहर समेत अन्य कागजात बरामद किये गये हैं. इस फ्लैट में वाहन चेकिंग से लेकर अन्य सभी सरकारी कार्य अवैध तरीके से किये जाते थे.
जब ईओयू की टीम उनके आवास पर छापेमारी करने पहुंची, तब उन्हें इस फ्लैट के बारे में जानकारी मिली. इसकी तलाशी के दौरान काफी सरकारी और निजी कागजात मिले हैं, जिनकी जांच चल रही है. इसमें उनके पटना में पदस्थापन अवधि के भी काफी कागजात मिले हैं, जिनकी जांच जिला परिवहन पदाधिकारी से करायी जा रही है. शिवहर में पोस्टिंग के पहले वह पटना में काफी समय तक एमवीआई रह चुके हैं.