चंद घंटे में तह तक पहुंची पुलिस, डायरी ने खोले राज
पटना : मुन्नाचक स्थित राधिका नर्सिग होम की नर्स नीतू की हत्या उसके अपने देवर नीरज ने की है. पुलिस को अनुसंधान में मिले साक्ष्य से उसकी संलिप्तता का पता चलता है. नीतू के कमरे से मिली डायरी पुलिस के लिए तुरुप का पत्ता साबित हुई है. उस डायरी में नीतू व नीरज के प्यार व संबंधों की पूरी कहानी है, जिसे नीतू ने खुद लिखी है. प्रेम पत्र को पढ़ कर पुलिस का ध्यान नीरज की ओर गया और जब उसके मोबाइल पर डेढ़ बजे रात में फोन किया गया, तो उसका स्विच ऑफ मिला.
इस पर पुलिस को धीरे-धीरे शक होने लगा कि आखिर नीरज का मोबाइल फोन स्विच ऑफ क्यों है? इसके बाद देवर-भाभी के मोबाइल का कॉल डिटेल निकाला गया, तो सारा रहस्य ही खुल गया. एक सप्ताह के दौरान नीरज व नीतू के बीच कई बार बातें हुई थीं. यही नहीं, घटना के दिन रविवार को भी दोनों ने आठ बार बातें की थीं. चार बार नीतू, तो चार बार नीरज ने अपने-अपने मोबाइल से कॉल किया था. दोनों के बीच अंतिम बातचीत रात 10.23 बजे हुई थी. फिर नीतू अपने नर्सिग होम से बाहर निकल गयी थी. इसके बाद 10.45 बजे उसकी गरदन काट कर हत्या कर दी गयी. डायरी और कॉल डिटेल ने पूरी तरह साफ कर दिया कि घटना को नीरज ने ही अंजाम दिया है.
पति रहता है मुंबई में : नीतू मूलत: झारखंड के मतगामा (गोड्डा) की रहनेवाली थी और उसकी शादी छह साल पहले पाकुड़ के रानीपुर निवासी से मनोज सिंह से हुई थी. शादी के कुछ दिन बाद से ही पति मनोज कमाने के लिए मुंबई चला गया. इन दोनों से पांच साल का एक बेटा है, जो अपने ननिहाल में नाना सालिम सिंह के पास रहता है. पुलिस के अनुसार, पति की अनुपस्थिति में देवर-भाभी के बीच नजदीकियां बढ़ गयीं. फिर दोनों में संबंध भी बने. इसी बीच, तीन माह पहले नीतू राधिका नर्सिग होम में काम करने चली आयी. उसे नर्सिग होम के चिकित्सक डॉ अभय कुमार ने खुद लाया था. नर्सिग होम में ही उसे रहने के लिए एक कमरा दे दिया गया था.
नीरज इस बात से खुश नहीं था और वह बराबर नीतू पर ससुराल में ही रहने के लिए दबाव बनाता था, लेकिन वह जाना नहीं चाहती थी. काम की व्यस्तता को लेकर वह कभी-कभी नीरज के फोन को नजर अंदाज कर देती है. इस बात से नीरज काफी गुस्से में आ जाता था और उसे काफी भला-बुरा कहता था. यहां तक कि जान से मारने की धमकी भी वह नीतू को कई बार दे चुका था. नर्सिग होम के स्टाफ वीर कुंवर ने बताया कि नीतू उनलोगों को देवर के बारे में बताती रहती थी. देवर के कारण वह काफी टेंशन में रहती थी.
घटना के पीछे कहीं शक तो नहीं : अनुसंधान में मिले साक्ष्य के अनुसार नीरज घटना के एक दिन पहले 19 अप्रैल की सुबह पटना पहुंचा था और घटना को अंजाम दे उसी रात डेढ़ बजे निकल चुका था. तब से उसके फोन का स्विच ऑफ है. जिस तरह घटना को अंजाम दिया गया है, उससे लगता है कि नीतू के नजर अंदाज करने के कारण नीरज काफी खफा था. उसे इस बात का शक था कि शायद नीतू का किसी और से प्रेम प्रसंग चल रहा है, इसलिए अब वह उसकी बात सुनना नहीं चाहती है. पुलिस को शक है कि इसी बात को लेकर उसने धोखा देने के का आरोप लगाते हुए नीतू की हत्या कर दी हो. पुलिस के अनुसार नीरज के पकड़े जाने के बाद ही घटना के कारणों पर स्थिति स्पष्ट हो सकती है.
घटना में नीरज का नाम सामने आने के बाद पटना पुलिस की एक टीम उसे पकड़ने के लिए पाकुड़ निकल गयी है. उधर, नीतू का शव पोस्टमार्टम के बाद उसके पिता सालिम सिंह व भाई अमित को सौंप दिया गया. इस संबंध में सदर डीएसपी मुत्तफीक अहमद ने बताया कि सारे साक्ष्य नीरज की ओर इशारा कर रहे हैं.