पटना सिटी: सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव जी महाराज ने अपने जीवन दर्शन में आध्यात्मिक व सांसारिक उन्नति के लिए तीन सिद्धांत निश्चित किये थे. इनकी प्रासंगिकता आज के बदले परिवेश में बढ़ गयी है. गुरु महाराज ने … नाम खुमारी नानका, चढ़ी रहे दिन रात, … ना कोई हिंदू ना कोई मुसलमान, पांच तत्व का पुतला नानक मेरा नाम, …नानक नाम जहाज है, चढ़े सो उतरे पार, …नानक तिनके संग साथ,बइयो सो क्या रीस, … जउ तउ प्रेम खेलन का चाउ, सिर धरि तली गली मेरी आउ जैसी नीतियों के सहारे समाज को एकजुट होने का संदेश दिया था. शनिवार को गुरु नानक देव जी महाराज के 549 वें प्रकाशोत्सव पर तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में सजे विशेष दीवान में वक्ताओं ने यह बात कही.
विशेष दीवान की शुरुआत जपुजी साहिब के पाठ व आशा दी वार से रागी जत्था जसप्रीत ने की. इसके बाद भाई रजनीश सिंह, पठानकोट से आये डॉ रवींद्र सिंह मसरूह व डॉ सुखजिंदर कौर, जालंधर के हरभजन सिंह व दिल्ली के भाई गुरनाम सिंह शबद कीर्तन किया. कथावाचक ज्ञानी सुखदेव सिंह व देहरादून से आये रवींद्रपाल सिंह ने गुरु महाराज के जीवन दर्शन पर प्रवचन दिया. विशेष दीवान की कार्यवाही का संचालन तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह ने किया.
विशेष दीवान की समाप्ति विश्व शांति व भाईचारे के लिए अरदास के साथ हुई. हुकूमनामा व शस्त्र दर्शन भी कराया गया. अमृत बांटा कार्यक्रम में करीब एक दर्जन लोगों ने अमृत छक सिख पंथ की दीक्षा ली. शाम को भी सजे विशेष दीवान में भजन- कीर्तन व कथा प्रवचन का दौर चला. वहीं , बाल लीला गुरुद्वारा में अखंड पाठ की समाप्ति के बाद बाबा मजिंदर सिंह ने गुरु महाराज पर कथा कही.
प्रकाशोत्सव पर आनंद साहिब का पाठ : तख्त श्री हरिमंदिर साहिब में मध्य रात को गुरु नानक देव जी महाराज का प्रकाश उत्सव हुआ. इससे पहले बीते दो दिनों से चल रहे श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ की समाप्ति हुई. इसके बाद प्रकाश उत्सव मनाया गया.