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बिहार शराबबंदी : शराब पीना अपराध, लेकिन बिक रही बेहिसाब
सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद धंधेबाज सप्लाई के लिए कर रहे नये-नये तरीके ईजाद बिहार में पूरी तरह से शराबबंदी है. शराब की बिक्री, खरीदना, पीना, पिलाना, यहां तक कि पी हुई हालत में इस राज्य से गुजरना तक अपराध है. मगर 27 अक्तूबर को रोहतास में जहरीली शराब पीने से चार लोगों की […]
सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद धंधेबाज सप्लाई के लिए कर रहे नये-नये तरीके ईजाद
बिहार में पूरी तरह से शराबबंदी है. शराब की बिक्री, खरीदना, पीना, पिलाना, यहां तक कि पी हुई हालत में इस राज्य से गुजरना तक अपराध है. मगर 27 अक्तूबर को रोहतास में जहरीली शराब पीने से चार लोगों की मौत ने यह बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या अब पुलिस और प्रशासनिक स्तर पर शराबबंदी कानून में ढिलाई बरती जा रही है.
रोहतास ही क्यों, राज्य में जगह-जगह शराब की भट्ठी मिलना और शराब की कहीं ज्यादा तो कहीं कम मात्रा में पकड़े जाना इस बात को दर्शाता है कि सरकारी विभागों की मिलीभगत से ही शराब राज्य में आ रही है. प्रभात खबर ने जब इस पूरे मामले की तह में जाकर पड़ताल की तो हैरतअंगेज खुलासे हुए. पेश है पूरी रिपोर्ट
प्रहलाद कुमार
पटना : बिहार में शराबबंदी के बाद पिछले कुछ माह में शराब की सप्लाई तेज हो गयी है. बंदी के समय एक बोतल विदेशी शराब की कीमत Rs 1200 तक वसूली जा रही थी. वहीं सप्लाई बढ़ने के बाद शराब की कीमत में भी गिरावट आयी है.
शराब के शौकीनों को फोन पर भी होम डिलिवरी की सुविधा उपलब्ध है. हालांकि, लोगों के घरों तक होम डिलिवरी करने वाला सप्लायर बोतल में असली या नकली शराब भर कर बेच रहा है, इसकी पहचान करना मुश्किल है. बंगाल, झारखंड, यूपी, पंजाब जैसे राज्यों के शराब माफिया बिहार में धड़ल्ले से शराब भेज रहे हैं और लोग खुलेआम पी रहे हैं.
बढ़ी बीयर की उपलब्धता
-शराबबंदी के बाद शराब पीने में लोग डर रहे थे, लेकिन अब धीरे-धीरे डर खत्म हुआ है. इसलिए अब लोगों की घरों तक कम कीमत में होम डिलिवरी हो रही है.
-एक फोन करने पर चेन सिस्टम के माध्यम से कोई एक व्यक्ति तय जगह पर पहुंच कर शराब की डिलिवरी कर रहा है.-शराब की डिलिवरी घरों तक स्कूटी, साइकिल, स्कूल बैग, कोल्ड ड्रिंक की बोतल एवं अन्य खान-पीने वाले डब्बों के माध्यम से की जा रही है.
-पटना में पुलिस छापेमारी में आरएस की बाेतलें पकड़ी गयी हैं, जिस पर पंजाब और बंगाल का लेबल लगा हुआ था, लेकिन हाल के दिनों में हुई छापेमारी में बीयर का केन भी बरामद हुआ है. यानी शराब से जुड़े अवैध कारोबारी बीयर की सप्लाई भी करने लगे हैं.
-स्कूल व कॉलेज के छात्रों को भी इस धंधे से कुछ पैसे देकर जोड़ा जा रहा है, जो पुलिस की नजर के सामने से गुजर जाते हैं और उन पर किसी काे शक भी नहीं होता है.
-बड़े अवैध कारोबारी वैसे लोगों के माध्यम से धंधे को बढ़ा रहे हैं,जो बिल्कुल बेरोजगार हैं और उनके पकड़े जाने से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है.
-चेन में शामिल धंधेबाजों की सप्लाई करते समय एक-दूसरे से मुलाकात नहीं होती है. अब एक-दूसरे को फोन कर वह जगह बता देते हैं, जहां से शराब बढ़ते-बढ़ते पीने वाले लोगों के घरों तक पहुंच रही है.
– सरकार की अोर से सख्ती
शराब पीने व बेचने वालों को करें गिरफ्तार, 10 वर्षों तक सजा का प्रावधान.
शराब का कारोबार करने वालों के मकान व जमीन की जाए जब्त.
शराब के साथ पकड़ी गयी गाड़ियों की हो नीलामी.
थाना को कार्रवाई का निर्देश, थानाध्यक्ष दे रहे शपथपत्र.
सड़कों पर ब्रेथ एनलाइजर से हो रही सघन जांच.
शराब भट्ठी की जमीन भी होगी नीलाम
गाड़ियों के बाद मकानों की होगी नीलामी
शराब के साथ पकड़ी गयी गाड़ियों की नीलामी छह नवंबर को मिलर हाई स्कूल परिसर में होगी. इसके बाद उन मकानों व जमीनों की नीलामी होगी, जहां शराब बन रहे थे या भंडारण किया गया था. ऐसे मकानों व जमीनों की नीलामी 20 नवंबर के पूर्व करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से विज्ञापन निकाला जायेगा.
कार्रवाई तेज, जागरूकता के लिए चल रहा अभियान
पंजाब, झारखंड व यूपी में छापेमारी कर शराब के अवैध धंधे से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया गया है. सड़कों पर देर रात सीसीटीवी कैमरे से माॅनीटरिंग की जा रही है और सूचना मिलते ही पुलिस टीम छापेमारी कर रही है.
थाना स्तर पर भी टीम गठित हुई है. लोगों को जागरूक करने के लिए जीविका की दीदी व आंगनबाड़ी सेविकाओं को भी लगाया गया है, ताकि लोगों को यह जानकारी मिल सके कि शराबबंदी में शराब पीने व बेचने पर किस तरह की सजा हो सकती है. जागरूकता अभियान के माध्यम से शराब का सेवन नहीं करने से किस तरह से परिवार में सुख-शांति आ रही है, इसके बारे में भी लोगों को बताया जा रहा है.
एसएसपी व सभी डीएसपी के माध्यम से लगातार माॅनीटरिंग हो रही है. पीने व पिलाने वाले दोबारा गिरफ्तार हुए हैं, तो उनकी जमानत न हो, इसके लिए न्यायालय के समक्ष पक्ष रखा जायेगा और उनको 10 वर्षों की सजा मिले, इस कड़ी में काम किया जायेगा.
नहीं मिल रहा पंचायतों का सहयोग
पटना : मुख्यमंत्री के शराबबंदी अभियान को पंचायती राज संस्थाओं का सहयोग नहीं मिल रहा है. यह सब तब हो रहा है, जब पंचायती राज के प्रतिनिधियों को शराबबंदी को लेकर प्रशिक्षण दिया जा चुका है और खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित भी कर चुके हैं.
प्रशिक्षण के बाद जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण सामग्री भी दी गयी है, जिसमें कार्यों में भागीदारी और उत्तरदायित्व का उल्लेख है. सबसे निचले स्तर की इस सरकार में दो लाख 58 हजार 908 निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं. महिलाओं का सहयोग मिले, तो शराब पर अंकुश लगाने में सरकार को सफलता मिलेगी. पंचायतों में आधी संख्या (एक लाख 11 हजार 952) महिलाओं की है. जिला परिषद सदस्य के 1161 पदों में 548 पर महिला काबिज हैं. प्रमुख के 534 पदों में 236 पर महिलाएं हैं. मुखिया के 8392 पदों में 3772 पर महिलाएं हैं. वार्ड सदस्य के एक लाख 14 हजार 733 पदों में 51 हजार 998 पदों पर महिलाएं हैं.
स्पष्ट गाइडलाइन नहीं
पंचायती राज प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण में इसको लेकर सिर्फ रस्म अदायगी की गयी है. इस संबंध में न तो पंचायती राज विभाग और न ही उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की ओर से पंचायती राज प्रतिनिधियों को कोई गाइडलाइन भेजी गयी है. न ही ग्राम पंचायतों को शराबबंदी में सक्रिय रूप से शामिल करने की पहल की गयी है.
– अशोक कुमार सिंह, अध्यक्ष, प्रदेश मुखिया संघ
जनप्रतिनिधियों के सहयोग पर मंथन
राज्य में पूर्ण शराबबंदी को लागू करने के लिए पंचायती राज प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने को लेकर मंथन किया जा रहा है. उनको किस प्रकार की जिम्मेदारी और गाइडलाइन दी जाये, जिससे की किसी भी गांव या टोले में शराब की खरीद-फरोख्त, पीने व पिलाने पर पूरी तरह से रोक लग सके.
– कपिलदेव कामत, पंचायती राज मंत्री
शराबबंदी को सफल बनाने के लिए विशेष सेल गठित किया जायेगा. जोनल आईजी नैयर हसनैन खां ने एसएसपी को निर्देश दिया है. सोमवार को डीआइजी राजेश कुमार, एसएसपी मनु महाराज व अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ आइजी ने बैठक कर शराब से संबंधित केसों की समीक्षा की. शराबबंदी को सफल बनाने के लिए जरूरी दिशा- निर्देश दिया.
कर्नाटक की टीम करेगी बिहार के शराबबंदी कानून का अध्ययन
बिहार में शराबबंदी कानून के मॉड्यूल से प्रभावित होकर इसका अध्ययन करने के लिए कर्नाटक की 30 सदस्यीय प्रशासनिक टीम सूबे का दौरा करने आ रही है. इस टीम में राज्य प्रशासन और पुलिस सेवा के पदाधिकारी होंगे. ये सभी पदाधिकारी बिहार में शराबबंदी कानून की बारीकियों को समझेंगे और देखेंगे कि इसे प्रभावी ढंग से कैसे लागू किया जा सकता है. मुख्य रूप से इनका यह फोकस होगा कि छापेमारी और शराब तस्करी से जुड़े अपराधियों की संपत्ति जब्त की कवायद कैसे की जाये.
मॉड्यूल को परखेंगे अधिकारी : कर्नाटक के पदाधिकारी यह जानेंगे कि इसमें अपराधियों की संपत्ति को जब्त कर इनकी नीलामी करने के लिए किस तरह के मॉड्यूल का पालन किया जाता है. इसे प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए कैसे बदलाव किये गये. नये कानून में कौन से सख्त प्रावधान किये गये हैं, जिससे यह प्रभावी ढंग से राज्य में चल रहा है. इतने बड़े स्तर पर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कैसे हो पायी है. यह टीम कई स्थलों और थानों का भी भ्रमण करेगी.
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