उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा की गयी नोटबंदी काले कानून के समान हैं. इस काले आदेश का पूरे देश पर दुष्प्रभाव पड़ा है. देश की अर्थ व्यवस्था पर इसका असर हुआ है. छपरा के डोरीगंज रवाना होने के पूर्व लालू प्रसाद ने कहा कि आठ नवंबर, 2016 को केंद्र सरकार द्वारा नोट बंदी का काला आदेश लागू किया गया था. इससे देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गयी. नोट बंदी के कारण किसान ,मजदूर, छात्र, नौजवान, संगठित, असंगठित क्षेत्र के कामगारों ,घरेलू महिलाओं को बड़ी परेशानी उठानी पड़ी.
लोगों को अपना काम धंधा को छोड़कर नोट बदलवाने के लिए लंबी-लंबी लाइनों मे दिन-दिन भर खड़ा रहना पड़ा. कई लोगों तो लाइन मे ही दम तोड़ दिया. उद्योग- धंधा इस आदेश से तहस नहस हो गया. आदेश के परिणाम से सबको मालूम है कि देश की जनता ने क्या खोया और क्या पाया. बेरोजगारी बढ़ी, युवक रोजगार के लिये भटक रहे है. महंगाई चरम सीमा पर पहुंच चुकी है. गरीब,किसान, मजदूर बेहाल हैं. दूसरी तरफ अडानी, अंबानी और उनके जैसे पूंजीपतियों के साथ भाजपा लोगों के काले धन को सफेद किया गया. बैंकों की स्थिति चरमरा गयी.