पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने रविवार को छठ घाटों का निरीक्षण किया. उन्होंने छठ घाटों की सुरक्षा, बैरिकेडिंग, प्रकाश व्यवस्था, महिलाओं के लिए चेंजिंग इनक्लोजर और पहुंच पथ की व्यवस्था की जानकारी ली और उसे सारी सुविधाओं को फूलप्रूफ बनाने के निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि छठ पर्व का राज्य सरकार ने स्टेट इंवेट के रूप में लिया है.
प्रकाशपर्व के मानकों के अनुसार इसकी व्यवस्था की जा रही है. छठ घाटों पर डॉक्टरों की 120 टीमें तैनात रहेंगी और उनकी सहायता के लिए 211 पारा मेडिकल स्टाफ और 33 एंबुलेंस को लगाया जायेगा. छठ पर्व के दौरान किसी तरह की अफवाह न फैले, इसलिए सही जानकारी के लिए सूचना तंत्र को हाईटेक करते हुए मोबाइल ऐप जारी किये गये हैं. जीपीआरएस नेविगेशन सिस्टम से भी जानकारी प्राप्त की जा सकेगी. दमकलों को हर वक्त तैयार रहने को कहा गया है और पूजन-सामग्री से कचरा न फैले, इसके लिए स्थान तय किये गये हैं.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शहर के 23 तालाबों को अर्घ्य देने के लिए उपयुक्त बनाया जा रहा है. अर्घ्य के दौरान होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए वाटर एंबुलेंस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैयार रहेंगी. साथ ही 200 नावों को रिवर पेट्रोलिंग में लगायी जा रही हैं. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बांस घाट जहां गंगा नदी मूल तट से दो किलोमीटर दूर चली गयी है, वहां पहुंच पथ को और सुगम बनाया जाये.
सुशील मोदी ने कहा कि 2005 में एनडीए सरकार से पहले जहां पटना के छठ घाटों की व्यवस्था मात्र 20 लाख रुपये के बजट का प्रावधान कर नगर निगम के हवाले छोड़ दी जाती थीं, ठेकेदारों को सालों तक भुगतान नहीं किया जाता था. स्वयंसेवी पूजा समितियों के सीमित साधन के भरोसे लोग छठ करते थे, वहीं अब छठ पर्व को एनडीए सरकार ने स्टेट–इवेंट की तरह गंभीरता से लिया है. छठ घाट निरीक्षण के दौरान विधायक नितिन नवीन, नगर निगम आयुक्त अभिषेक कुमार, जिलाधिकारी संजय अग्रवाल और वुडको के प्रबंध निदेशक अमरेंद्र कुमार समेत अन्य मौजूद थे.