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पटना : हर गांव में मुहैया करायी जायेगी आरपीएलआई पॉलिसी
पटना : डाक विभाग डाकिये के माध्यम से गांव के एक-एक व्यक्ति तक पहुंचा है. धर्म, जाति, क्षेत्रीयता के आधार पर डाकघर की सेवाओं से किसी को वंचित नहीं रख सकते हैं. डाकघर की सेवा उपलब्ध कराने को लेकर पहले डाकिया घर-घर पहुंचते थे, लेकिन अब डिजिटल इंडिया के तहत घर-घर में डाकघर बैठ गया […]
पटना : डाक विभाग डाकिये के माध्यम से गांव के एक-एक व्यक्ति तक पहुंचा है. धर्म, जाति, क्षेत्रीयता के आधार पर डाकघर की सेवाओं से किसी को वंचित नहीं रख सकते हैं. डाकघर की सेवा उपलब्ध कराने को लेकर पहले डाकिया घर-घर पहुंचते थे, लेकिन अब डिजिटल इंडिया के तहत घर-घर में डाकघर बैठ गया है.
इसी कड़ी में इलेक्ट्रॉनिक इंडियन पोस्टल ऑर्डर (इ-आइपीओ) भी लांच किया गया. चीफ पोस्ट मास्टर एमई हक ने सोमवार को पटना जीपीओ द्वारा आयोजित विश्व डाक दिवस समारोह के ई-आईपीओ लांचिंग कार्यक्रम में कहा कि अब छात्र-छात्राओं के साथ-साथ आम लोगों को पोस्टल ऑर्डर खत्म होने की शिकायत नहीं रहेगी.
अब घर बैठे-बैठे 10, 20, 50 व 100 रुपये के पोस्टल ऑर्डर ऑनलाइन ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि डाक विभाग इंश्योरेंस क्षेत्र में भी कदम बढ़ा रही है. इस योजना के तहत सूबे के सभी जिलों के एक-एक घर के शत प्रतिशत घरों में रूरल पोस्टल लाईफ इंश्योरेंस (आरपीएलआई) की पॉलिसी मुहैया करायेगी. श्री हक ने कहा कि देश भर में नक्सली क्षेत्रों के एक हजार गांवों में डाकघर खोले जाने हैं. सूबे में 34 डाकघर खोले जाने हैं.
पोस्टमास्टर जनरल (पूर्वी प्रक्षेत्र) अनिल कुमार ने कहा कि डाक विभाग ही एेसा विभाग है, जो एक-एक व्यक्ति से जुड़ा है. यही वजह है कि डाक विभाग के दफ्तर को कार्यालय नहीं कह कर डाकघर कहते हैं. इस मौके पर डाक लेखा निदेशक सतीश चंद्र झा, डाक सेवा के निदेशक मनोज कुमार, पटना जीपीओ के चीफ पोस्टमास्टर पंकज कुमार मिश्र सहित आलाधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे.
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