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”च से चंपारण” व ”मिट्टी से नेता भी बनते हैं” का सीएम करेंगे पाठ

पटना : चंपारण शताब्दी समारोह के दूसरे चरण की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 11 अक्तूबर को करेंगे. पटना के ज्ञान भवन में आयोजित होने वाले मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री दो कथाओं का पाठ कर गांधी कथा वाचन की शुरुआत करेंगे. मुख्यमंत्री ‘च से चंपारण’ और ‘मिट्टी से नेता भी बनते हैं’ कहानी का पाठ करेंगे. एक […]

पटना : चंपारण शताब्दी समारोह के दूसरे चरण की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 11 अक्तूबर को करेंगे. पटना के ज्ञान भवन में आयोजित होने वाले मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री दो कथाओं का पाठ कर गांधी कथा वाचन की शुरुआत करेंगे. मुख्यमंत्री ‘च से चंपारण’ और ‘मिट्टी से नेता भी बनते हैं’ कहानी का पाठ करेंगे. एक तरफ जहां मुख्यमंत्री पटना में इन कहानियों का पाठ करेंगे, वहीं राज्य भर के स्कूलों में शिक्षक उसका पाठ कर बच्चों को सुनायेंगे. इसके अलावा सभी जिलों में बेलट्रॉन के जरिये मुख्यमंत्री के कथा वाचन का लाइव टेलीकास्ट भी किया जायेगा. ‘च’ से चंपारण’ और ‘मिट्टी से नेता भी बनते हैं’ कहानी तैयार कर ली गयी है.

हर स्कूलों में इसकी प्रति पहुंचायी जा रही है. शिक्षा विभाग के जन शिक्षा निदेशालय ने एक-एक करोड़ फोल्डर तैयार किये हैं. इन फोल्डर्स को 78 हजार प्राथमिक से लेकर प्लस टू स्कूलों में पहुंचाया जा रहा है. इसके अलावा क्लास पांच से आठ के लिए ‘बापू की कहानी, उन्हीं की जुबानी’ और क्लास नौ से 12 तक के लिए ‘मोहन से महात्मा’ की कहानी संग्रह तैयार किया जा रहा है.

‘च से चंपारण’
‘च से चंपारण’ कहानी में चंपारण में नील की खेती से लेकर गांधी जी के चंपारण सत्याग्रह को संक्षिप्त में लिखा गया है. कैसे भारत चंपारण से नील का व्यापार दुनिया भर में करता था. अंग्रेज व्यापारी सारी मुनाफा खुद रख लेते थे. अप्रैल 1917 में गांधी जी को किसान चंपारण लाये. गांधी जी साल के अंत तक चंपारण में रहे और आंदोलन चलाया, जो देश का पहला सत्याग्रह था. इससे अंग्रेजों ने किसानों पर अत्याचार पर रोक लगायी.
‘मिट्टी से नेता भी बनते हैं’
‘मिट्टी से नेता भी बनते हैं’ कहानी में गांधी जी कैसे पटना आये. यहां से कैसे चंपारण गये और लोग कैसे उनका साथ देने लगे, उसके बारे में बताया गया है. गांधी जी के चंपारण में सत्याग्रह करने पर उनके साथ राजेंद्र प्रसाद, मौलाना मजहरूल हक समेत ब्रजकिशोर प्रसाद, सच्चिदानंद सिन्हा, हसन इमाम, धरणीधर प्रसाद व शंभू शरण जैसे नामी लोग किसानों की सेवा में लग गये. कैसे लोगों का अलग-अलग भोजन बनता था, जिसे गांधी जी ने एक साथ करवाया. छुआछूत को खत्म किया आदि.
कस्तूरबा स्कूलों में लगेगा सीसीटीवी कैमरा, होगी बायोमीटरिक अटेंडेंस
राज्य के सभी 534 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में सीसीटीवी कैमरा लगेगा. वहीं, यहां पढ़ने वाली छात्राओं का बायोमीटरिक अटेंडेंस ली जायेगी. इसके लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक संजय सिंह ने सभी जिलों के डीईओ को निर्देश जारी कर दिया है. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में रहने और पढ़ने वाली छात्राओं की सुरक्षा को लेकर सरकार ने यह फैसला किया है. सीसीटीवी कैमरा स्कूलों के बाहरी परिसर और प्रवेश द्वार पर लगाया जायेगा. सीसीटीवी कैमरे से स्कूल व छात्रावास में आने-जाने वाले पर नजर रखी जायेगी. वहीं, छात्राओं की बायोमीटरिक अटेंडेंस ली जायेगी. बीईपी के राज्य परियोजना निदेशक संजय सिंह ने स्कूल निधि से ही सीसीटीवी कैमरा और बायोमेट्रिक मशीन खरीदने का निर्देश दिया है.
गैस से बनेगा मध्याह्न भोजन
राज्य के सभी प्रारंभिक स्कूलों में एलपीजी गैस से मध्याह्न भोजन बनेगा. इसके लिए सभी स्कूलों को एलपीजी गैस कनेक्शन लेना होगा. अब तक करीब 40 फीसदी स्कूलों ने ही गैस कनेक्शन लिया है, जबकि 60 फीसदी स्कूलों गैस कनेक्शन नहीं ले पाये है. स्कूलों को गैस कनेक्शन के साथ-साथ फायर स्टिंगविशर (अग्निरोधी यंत्र) भी लगाना होगा.

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