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पीएमसीएच : कहीं बंद न हो जाये इवनिंग ओपीडी!

पटना. पीएमसीएच में संचालित सांध्यकालीन ओपीडी के संचालन पर खतरा मंडराने लगा है. इसका सबसे बड़ा कारण पीएमसीएच में सिर्फ दो विभागों में ओपीडी का संचालन और उस विभाग में भी डॉक्टरों की कमी व समय पर न आना बताया जा रहा है. दरअसल गंभीर मरीजों के उपचार के लिए तीन साल पहले पीएमसीएच में […]

पटना. पीएमसीएच में संचालित सांध्यकालीन ओपीडी के संचालन पर खतरा मंडराने लगा है. इसका सबसे बड़ा कारण पीएमसीएच में सिर्फ दो विभागों में ओपीडी का संचालन और उस विभाग में भी डॉक्टरों की कमी व समय पर न आना बताया जा रहा है.
दरअसल गंभीर मरीजों के उपचार के लिए तीन साल पहले पीएमसीएच में इवनिंग ओपीडी शुरू की गयी थी. लेकिन उस ओपीडी में डॉक्टर नहीं आते हैं. इससे मरीज निराश होकर लौट रहे हैं. वहीं जो डॉक्टर आते भी हैं, तो वे सिर्फ खानापूर्ति करते हैं.
सीनियर डॉक्टरों की नहीं लग रही ड्यूटी : मरीजों की सुविधा के लिए साल 2014 में स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव दीपक कुमार निर्देश पर पीएमसीएच में संध्याकालीन ओपीडी सेवा शुरू की गयी. दोपहर तीन से पांच बजे तक ओपीडी संचालन करना था.
इसमें चर्म रोग व शिशु रोग के मरीजों का उपचार होता है. वहीं उस समय करीब पांच महीने तक सीनियर डॉक्टरों की ड्यूटी लग रही थी. तब पीएमसीएच के नामी डॉक्टरों के इवनिंग ओपीडी में बैठने से मरीजों की भीड़ भी काफी अधिक रहती थी. लेकिन बाद में इसे जूनियर डॉक्टरों की बदौलत छोड़ दिया गया, अब जूनियर डॉक्टर भी यहां नहीं आते. नतीजा मरीज भी धीरे-धीरे आना कम कर दिये हैं.
पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ लखींद्र प्रसाद ने बताया कि ओपीडी में मरीजों की संख्या काफी अधिक रहती है और अच्छे से इलाज भी होता है. सही संचालन के लिए सभी जरूरत के विभागों के डॉक्टरों के ओपीडी में बैठने के लिए प्रस्ताव बनाया गया है. जैसे ही जरूरत के विभागों की ओपीडी संध्याकालीन लगने लगेगी समस्या खत्म हो जायेगी.

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