पटना: पटना हाईकोर्ट ने अवैध बालू उत्खनन मामले में शामिल लोगों के विरुद्ध की जा रही प्रशासनिक कार्रवाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी. न्यायाधीश ज्योतिशरण की एकलपीठ ने ब्राॅडसन कमोडिटीज प्राईवेट लिमिटेड की ओर से दायर रिट याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया. अदालत ने याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए राज्य सरकार को छह अक्तूबर को अदालत में अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है.
अदालत ने याचिकाकर्ता के उस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, जिसमें याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का कहना था कि कंपनी के पास जो बालू उपलब्ध है, उस स्टॉक को प्रशासन द्वारा जब्त नहीं किया गया है. ऐसी स्थिति में उन्हें उस बालू को बेचने की अनुमति दी जाये. क्योंकि इस बालू को इकट्ठा करने में उन्हें काफी राशि खर्च करनी पड़ी है. अदालत ने कहा कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद ही किसी भी तरह का आदेश पारित किया जायेगा.
ध्वस्त केनाल की जांच को लेकर पीआईएल : पटना हाईकोर्ट में बटेश्वर स्थान पंप केनाल के उद्घाटन के पूर्व टूट जाने के मामले की जांच को लेकर लोकहित याचिका दायर की गयी. याचिकाकर्ता अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की.