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शिक्षक दिवस आज : हर बच्चे की होती है टीचर का फेवेरट बनने की जिज्ञासा, इसलिए….

पटना : शहर के पटेल नगर निवासी रितेश कुमार (परिवर्तित नाम) बीते वर्ष ऑफिस के काम से अमेरिका गये, तो कई तोहफे लाये थे. उन्हीं में से एक तोहफा अपने बेटे के क्लास टीचर के लिए भी था. यह तोहफा उनके बेटे ने पिछली बार शिक्षक दिवस पर अपने क्लास टीचर को गिफ्ट किया था. […]

पटना : शहर के पटेल नगर निवासी रितेश कुमार (परिवर्तित नाम) बीते वर्ष ऑफिस के काम से अमेरिका गये, तो कई तोहफे लाये थे. उन्हीं में से एक तोहफा अपने बेटे के क्लास टीचर के लिए भी था. यह तोहफा उनके बेटे ने पिछली बार शिक्षक दिवस पर अपने क्लास टीचर को गिफ्ट किया था. तब से आदित्य अपने क्लास टीचर का प्रिय छात्र बन गया है. वह अपने टीचर के लिए इस बार भी अपने पापा को गिफ्ट देने की जिद कर रहा है.
वह वैसे गिफ्ट देने की तैयारी में है, जो उसके क्लास में किसी अौर बच्चे के पास नहीं हो. आदित्य अकेला नहीं, जो अपने टीचर के प्रिय बने रहने के लिए महंगे और यूनिक गिफ्ट की मांग कर रहा है. ऐसे बच्चों की संख्या अनेक में है.
जी हां, मंगलवार को सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस है, जिसे हम शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं. इस दिन का खास महत्व शिक्षक और बच्चों के बीच है. बच्चे इस दिन अपने शिक्षक को सम्मान देते हैं, उन्हें अपने हाथों से बने ग्रिटिंग्स कार्ड, फूल और तरह-तरह की कविताएं तक उनके सम्मान में लिख डालते हैं.
लेकिन, समय के साथ-साथ स्कूलों में गिफ्ट देने की परिपाटी में भी बदलाव अाया है. अब इनकी जगह पर बड़े और महंगे तोहफों ने ले ली है. पैरेंट्स भी अपने बच्चों को मंहगे गिफ्ट दिला रहे हैं, ताकि उनका बच्चा स्कूल टीचर का प्रिय बन सकें. वहीं, दूसरी ओर स्कूल में पढ़ाई कर रहे वैसे बच्चे, जिनके पैरेंट्स के पास इतने पैसे नहीं होते कि वे अपने बच्चों को महंगे तोहफे दिला सकें.
इन परिस्थितियों में बच्चों का अपने साथियों के बीच और शिक्षक और बच्चों के बीच हीन भावना घर करने लगती है. महंगे गिफ्ट देने वाले बच्चों के साथ वैसे बच्चे खुद को असहज महसूस करने लगते हैं. वहीं, टीचर का जुडाव महंगे गिफ्ट देने वाले बच्चों के प्रति हो जाता है आैर टीचर उनकी खामियों को नजरअंदाज करने लग जाते हैं.
हर बच्चे की होती है टीचर का फेवेरट बनने की जिज्ञासा
पंकज कुमार
गिफ्ट का दूसरा नाम सम्मान है. पर, आज इसे लोग स्टेट्स सिबंल के रूप में देखने लगे हैं. यानी जो बच्चा स्कूल में जितना महंगा गिफ्ट लाता है, उसे उसी सिंबल के रूप में देखा जाता है. वह टीचर का प्रिय स्टूडेंट बन जाता है. वहीं, जब कोई मध्यवर्गीय फैमिली का बच्चा उससे कमतर गिफ्ट देता है, तो वह टीचर का प्रिय छात्र नहीं बन पाता है. कई बार तो शिक्षक उन बच्चों के सामने ही उनके बनाये पेटिंग्स या ग्रिटिंग्स को नजरअंदाज कर देते हैं.
इससे बच्चे में शुरू से ही बड़ा बनने और अधिक पैसे की इच्छा जागृत हो जाती है. वह मन की बात घर में बताता है, तो पैरेंट्स उसे पैसे की बात कह कर उसकी जिज्ञासा को शांत कर देते हैं. पर, बच्चे के मन में टीचर का फेवरेट बनने की जिज्ञासा शुरू से अंत तक बनी रहती है, जो कहीं-न-कहीं गलत करने की सीख देता है. ऐसे में पैरेंटस, स्कूल प्रबंधन और स्वयं टीचर को इस परिपाटी को समाप्त करने की जरूरत है, ताकि बच्चे के मन में ऐसी हीन भावना उत्पन्न होने से रोका जा सकें.
स्कूल में ऐसा होता है, तो यह पूरी तरह से गलत है. स्कूल में शिक्षक दिवस पर बच्चों से समान रूप में चंदा ले कर सभी शिक्षकों को एक समान गिफ्ट देना चाहिए, ताकि बच्चे और पैरेंट्स दोनों के बीच यह प्यार और सम्मान बना रहे.
डीके सिंह, बिहार पब्लिक स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर शिक्षक एसोसिएशन
बच्चों की सृजनशीलता को किया जा रहा है समाप्त
गिफ्ट सम्मान का दूसरा रूप है. जब हम गिफ्ट देते हैं, तो वह देने वाले व्यक्ति को उसके प्रति अपनी भावना और प्यार को बताता है. लेकिन, अब गिफ्ट देने की परिपाटी में बदलाव आया है. शिक्षक दिवस पर जो बच्चे महंगे और यूनिक गिफ्ट देते हैं, वह टीचर के करीब होते हैं. उनका प्यार और सपोर्ट पाते हैं.
जाे मध्यवर्गीय परिवार से आते हैं, वे अपने गिफ्ट से न तो टीचर को संतुष्ट कर पाते हैं और न ही खुद को. वे अन्य बच्चों के बीच खुद को कमतर आंकने लगते हैं. यह बच्चाें को उनके बीच भेद करना सिखाता है. स्कूल से ही उनके मन में गरीबी और अमीरी की भावना शुरू हो जाती है.
ऐसे में स्कूल प्रबंधन को समाप्त करने की जरूरत है. बच्चों के अंदर शिक्षक के प्रति सम्मान की भावना जागृत करने की जरूरत है. इसके लिए उनके द्वारा बनाये पेटिंग्स, ग्रिटिंग्स को स्वीकार करना चाहिए. इससे बच्चों के अंदर की सृजनशीलता भी विकसित होगी. साथ ही स्कूल में गिफ्ट शिक्षक को न देकर स्कूल में जमा कराया जाये और उन्हें स्कूल कैंपस में प्रदर्शित कर उनके मनोबल को भी बढ़ाया जाये.
शिक्षक दिवस पर स्कूलों में शिक्षकों के प्रति सम्मान जगाने के िलए कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं, न कि शिक्षकों को महंगे गिफ्ट देने के लिए. यदि स्कूलों में ऐसा हो रहा है, तो यह गलत है. इसके खिलाफ पैरेंट्स शिकायत करें, ताकि कार्रवाई की जा सकें.
चंद्रशेखर कुमार, क्षेत्रीय उपनिदेशक, शिक्षा िवभाग

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