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किसानों को जल्द मिलेगा फसल क्षति का लाभ: राणा रंधीर

पटना. राज्य के सहकारिता मंत्री राणा रंधीर ने कहा है कि बाढ़ से फसलों को जो नुकसान पहुंचा है उसकी क्षति की भरपायी जल्द होगी. बीमा कंपनियां तत्काल राहत के तौर पर क्षति का 25 फीसदी देगी. सहकारिता मंत्री ने मंगलवार को इसकी समीक्षा की. समीक्षा के बाद मंत्री ने कहा कि पूरे राज्य में […]

पटना. राज्य के सहकारिता मंत्री राणा रंधीर ने कहा है कि बाढ़ से फसलों को जो नुकसान पहुंचा है उसकी क्षति की भरपायी जल्द होगी. बीमा कंपनियां तत्काल राहत के तौर पर क्षति का 25 फीसदी देगी. सहकारिता मंत्री ने मंगलवार को इसकी समीक्षा की. समीक्षा के बाद मंत्री ने कहा कि पूरे राज्य में फसल बीमा लागू है. बाढ़ से खरीफ फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है.
फसल बीमा के जरिये इसकी भरपायी की जायेगी.फसलों की व्यापक क्षति को देखते हुए जिले में गठित संयुक्त समिति के आकलन के अनुसार तत्काल राहत के तौर पर अनुमानित क्षति का 25 प्रतिशत राशि का भुगतान बीमा कंपनियों के द्वारा किया जायेगा. बाद में भुगतान राशि का समायोजन किया जायेगा. राज्य के 18 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधानों के तहत काम करें. किसानों के राहत मिलने से अगली फसल लगाने में सहायता मिलेगी.
किसानों को मिलेंगे गुणवत्ता वाले बीज : प्रेम
कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य के किसानों को गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराने का हर संभव प्रयास किया जाये. गुणवत्ता वाले बीज से कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी होगी. राज्य में प्रमाणित बीज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई कार्यक्रम चला रही है.
अभी कृषि विभाग के अधीन 244 कृषि फॉर्म में से 241 में बीज उत्पादन का काम हो रहा है. कृषि मंत्री को उपनिदेशक (शस्य) कौशल किशोर शर्मा ने कहा कि राज्य फॉर्म का कुल रकवा 2863 हेक्टेयर है व खेती योग्य रकवा 1943 हेक्टेयर है.
राज्य योजना अंतर्गत 1987.82 लाख रुपये की लागत से खरीफ मौसम में 1645 हेक्टेयर, रबी मौसम में 1662 हेक्टेयर तथा गरमा मौसम में 152 हेक्टेयर में विभिन्न फसलों का क्रमश: 30959 क्विंटल, 24696 क्विंटल एवं 1180 क्विंटल आधार बीज उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.
खरीफ मौसम में धान, बाजरा, अरहर, उड़द, लोबिया, कुलथी, सोयाबीन, मूंगफली, मरूआ, कौनी, सॉवा एवं जूट फसलों का आधार बीज उत्पादन किया जा रहा है. रबी मौसम में गेहूं, चना, मसूर, मटर, खेसारी, राजमा, राई/ सरसों एवं तीसी तथा गरमा मौसम में मूंग, उड़द एवं तील के आधार बीज उत्पादन का कार्यक्रम निर्धारित है. प्रथम चरण में 145.57 करोड़ की लागत से 72 कृषि प्रक्षेत्र के सुदृढ़ीकरण की स्वीकृति दी गयी है.
प्रसंस्कृत आधार बीज को बिहार राज्य बीज निगम के माध्यम से मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार कार्यक्रम, समेकित बीज ग्राम योजना एवं आधार बीज अनुदान योजना के माध्यम से किसानों को प्रमाणित बीज उत्पादन हेतु अनुदान दर पर उपलब्ध कराया जाता है.

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