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राजद की रैली पूरी तरह से दिशाहीन : संजय सिंह
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता सह विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि उद्देश्यहीन, तर्कहीन, शक्तिहीन, व्यक्तिहीन राजद की रैली पूरी तरह से दिशाहीन है. ये रैली पूरी तरह से ढकोसले पर आधारित रैली है. इसमें ना तो समाजवाद है और ना ही एकतावाद. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद लाख कोशिश कर लें कि इस […]
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता सह विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि उद्देश्यहीन, तर्कहीन, शक्तिहीन, व्यक्तिहीन राजद की रैली पूरी तरह से दिशाहीन है. ये रैली पूरी तरह से ढकोसले पर आधारित रैली है.
इसमें ना तो समाजवाद है और ना ही एकतावाद. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद लाख कोशिश कर लें कि इस रैली में विपक्षी एकता को इकट्ठा कर लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं होगा. सारी विपक्षी पार्टियां यह जानती हैं कि लालू प्रसाद की रैली किसी उद्देश्य से नहीं की जा रही है. यह सिर्फ उनके बेटे को प्रोजेक्ट करने के लिए की जा रही है. कांग्रेस सहित कई पार्टियों ने इस रैली का बहिष्कार कर दिया है. इस रैली के माध्यम से लालू प्रसाद रैली घोटाला भी कर रहे हैं. रैली कर के लोगों को धोखा दे रहे हैं. इस रैली का नाम धोखा रैली होना चाहिए, क्योंकि इस रैली के जरिये जनता के साथ-साथ सभी विपक्षी पार्टियों को लालू प्रसाद धोखा दे रहे हैं. संजय सिंह राजद सुप्रीमो से रैली के भाषण में जवाब देने को कहा है कि उनके पास 15 हजार करोड़ की संपत्ति कहां से आयी?, उनके बेटे पर सीबीआइ ने एफआइआर दर्ज क्यों किया?,
उनकी बेटी और दामाद पर अपराधिक मामला क्यों दर्द किया गया?, चारा घोटाला, मिट्टी घोटाला, मॉल घोटाला, दान में संपत्ति लेना, लोगों से संपत्ति लिखवाना कैसे किया जाता है?
बाढ़ जैसी त्रासदी से मुंह मोड़ लेना संवेदनहीनता : जदयू के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा है कि गैरकानूनी तरीके से अर्जित बेहिसाब संपत्ति और इसके कारण चल रही जांच-प्रक्रिया से खुद को बचाने की छटपटाहट में बाढ़ जैसी भीषण त्रासदी से भी मुंह मोड़ लेना घनघोर संवेदनहीनता है. राजद नेताओं की यह जिद भी अमानवीय लगती है कि लोग बाढ़ पीड़ितों की सेवा और सहायता छोड़कर एक परिवार की बेहिसाब गैरकानूनी संपत्ति को बचाने की रैली में शामिल हों.
राजद की रैली का मकसद बेनामी संपत्ति को बचाना : सेतु
युवा जदयू के प्रदेश प्रवक्ता ओमप्रकाश सिंह सेतु ने कहा कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की रैली का असली मकसद बेनामी संपत्ति बचाना है. जो व्यक्ति 15 साल के अपने राजपाट में बिहार के विकास के लिए एक काम नहीं कर सका, उससे देश के लिए क्या उम्मीद की जा सकता है?
वैसे भी राजनीतिक लड़ाई अब लालू प्रसाद और उनके परिवार के वश की नहीं रह गयी है. एक-एक करके तमाम राजनीतिक दल लालू से किनारा करते जा रहे हैं. राजद को रैली की बजाय कानूनी लड़ाई के लिए कमर कस लेनी चाहिए. पूरे परिवार के चेहरे पर भ्रष्टाचार की कालिख लगी है, फिर भी लालू दूसरों को आईना दिखाते फिर रहे हैं.
बिहार की जनता जानना चाहती है कि खुद को सामाजिक न्याय की दुहाई देने वाला गरीबों का तथाकथित 26 वर्षीय नेता (तेजस्वी प्रसाद यादव) करोड़ों-अरबों की संपत्ति का मालिक कैसे बन गये? तेजस्वी प्रसाद यादव में साहस होता तो बिहार के लोगों को यही बता देते कि आयकर विभाग द्वारा जब्त की गयी संपत्ति किसकी है?
जिन नेताओं का दिल इतनी बड़ी त्रासदी में भी पीड़ितों के लिए नहीं पसीजता है, उन्हें तो सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लेना चाहिए.
उन्होंने कहा कि बाढ़ से लगभग दो करोड़ लोगों को प्रभावित करने वाली बिहार की इस भीषण बाढ़ में 400 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं, हजारों मवेशी भी मर गये या बह गये और अरबों की संपत्ति नष्ट हुई है.
मगर राजद नेताओं को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. हाथ से सत्ता फिसल जाने का शोक और गैरकानूनी तरीके से कमायी गयी बेहिसाब बेनामी संपत्ति को बचाना उनके लिए ज्यादा जरूरी है. ऐसे स्वार्थी व संवेदनहीन नेताओं को अपनी प्रस्तावित रैली में राज्य की जनता खासकर बाढ़ पीड़ित जनता से उनकी उपेक्षा करने के लिए माफी भी मांगनी चाहिए. इन नेताओं को तो सार्वजनिक जीवन से संन्यास लेकर पापों का प्रायश्चित करना चाहिए.
जदयू ने जारी किया लालू के नाम खुला पत्र
प्रदेश जदयू ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद के नाम खुला पत्र जारी किया है. पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने पत्र जारी करते हुए कहा कि 22 महीने के सत्तासुख के बाद मिले राजनीतिक वनवास के बाद आपका असली स्वरूप जनता को नजर आने लगा है. वैसे हम जानते हैं कि हमारी सलाह पर आपके कान पर जू तक नहीं रेंगने वाला, परंतु पेशानी पर बल अवश्य पड़ेगा.
नीरज कुमार ने कहा कि अवैध संपत्ति बचाओ रैली गांधी मैदान में मंच पर एक शोकेस अवश्य बनाएं, जिसमें आपके परिवार द्वारा अर्जित नामी-बेनामी संपत्ति से संबंधित दस्तावेजों की छायाप्रति जनता के दर्शनार्थ उपलब्ध रहे. उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न स्थानों में जहां भी आपकी नामी-बेनामी संपत्ति मौजूद है वहां की मिट्टी और बालू भी शोकेस में अवश्य प्रदर्शित करें. उन्होंने सलाह दी कि उन्माद और जज्बात में भोली-भाली जनता को गुमराह कर राजद की रैली में बुलाया गया है. ऐसे में वह उन्हें अपने घर में नहीं ठहरायें नहीं तो उनका भी पाला कहीं सीबीआई एवं ईडी से नहीं पड़ जाये.
पत्र में कहा गया कि आपके पास 10,000 करोड की बेनामी संपत्ति है. कृपापूर्वक गांधी मैदान की रैली में मौजूद आगंतुक दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा, अल्पसंख्यक एवं अन्य लाचार जो भूमिहीन हैं, उन्हें जितना संभव हो सके अधिकाधिक अपने परिवार की अवैध संपत्ति का वास्तविक पारिवारिक पर्चा दे दें. जिससे उनके आवास की समस्या दूर हो सके.
पत्र में कहा गया कि अवैध संपत्ति बचाओ रैली, गांधी मैदान में आने वाले नौजवानों को इस बात का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था करें कि जिस तरह मात्र 26 वर्ष की अल्पायु में आपके पुत्र ने संपत्ति अर्जित किया वह फॉमूर्ला आप अपनी पार्टी की रैली में आने वाले नौजवान समर्थकों को बताने का कष्ट करें ताकि उनका भी विकास हो सके. पत्र में उम्मीद की गयी है कि गांधी मैदान की अवैध संपत्ति बचाओ रैली में बिहार के दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा, अल्पसंख्यक वर्ग से अपने काले कारनामों के लिए माफी अवश्य मांगेंगे.
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