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अवैध खनन मामला : एक माह में 12 लाख की आय, बालू माफिया पोकलेन मालिक आधे-आधे के थे हिस्सेदार
मुजफ्फरपुर, छपरा, पटना, आरा के रहने वाले हैं पोकलेन मालिक पटना : सूबे का खनन विभाग भले ही बालू घाटों पर झांकने नहीं जाता था, लेकिन बालू माफिया और पोकलेन मालिक दिन-रात एक कर इस काले कारोबार से मोटी रकम वसूलने में जुटे थे. इस अवैध कमाई में आधे-आधे का हिस्सा लगता था. एक नाव […]
मुजफ्फरपुर, छपरा, पटना, आरा के रहने वाले हैं पोकलेन मालिक
पटना : सूबे का खनन विभाग भले ही बालू घाटों पर झांकने नहीं जाता था, लेकिन बालू माफिया और पोकलेन मालिक दिन-रात एक कर इस काले कारोबार से मोटी रकम वसूलने में जुटे थे. इस अवैध कमाई में आधे-आधे का हिस्सा लगता था. एक नाव के लोडिंग में करीब चार हजार रुपये का फायदा होता था.
एक दिन में एक पोकलेन करीब 10 नावों की लोडिंग करता था. इस तरह से प्रतिदिन 40 हजार रुपये यानी महीने में 12 लाख रुपये आते थे. जिसमें बालू माफिया और पोकलेन मालिक आपस में आधा-आधा बांट लेते थे. इसका खुलासा रिमांड पर लिये गये विपुल, दीपक और रौशन से पूछताछ में हुआ है. हालांकि इनके रिमांड की अवधि पूरी हो गयी है और शुक्रवार की सुबह तीनों को वापस जेल भेज दिया गया है.
पटना के बिहटा, मनेर, कोइलवर में हो रहे अवैध खनन में इस्तेमाल होने वाले पोकलेन के मालिकों की शिनाख्त पुलिस कर चुकी है. इसमें से ज्यादातर मालिक पटना, मुजफ्फरपुर, छपरा और आरा के हैं. पुलिस इनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. वहीं अन्य लोगों के बारे में अनुसंधान हो रहा है.
किसी पुलिस अधिकारी के नाम से नहीं है पाेकलेन : पोकलेन के जब्त होने के बाद पुलिस को किसी ने जानकारी दी थी कि इसमें किसी पुलिस अधिकारी का भी पोकलेन था जिससे अवैध खनन हो रहा था.
लेकिन, छानबीन में पता चला है कि ऐसा कुछ नहीं है. किसी पुलिस अधिकारी या पुलिसकर्मी का नाम नहीं आया है. पुलिस का कहना है कि पोकलेन के कागजों का सत्यापन किया जा रहा है. कुछ बड़े लोगों के पोकलेन होने की चर्चा है.
पटना : बालू के अवैध उत्खन्न मामले में पटना के जिला एंव सत्र न्यायाधीश श्रीकांत त्रिपाठी की अदालत द्वारा अभियुक्तों की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए केस डायरी की मांग की है.
अग्रिम जमानत संख्या 4353/17 वह 4354/17 में अभियुक्त बनाये गये अनिल कुमार, मनोहर राय व मिथिलेश कुमार के अग्रिम जमानत आवेदन पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अनुसंधान पदाधिकारी से केस डायरी की मांग करते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगायी. अदालत ने मामले को अग्रिम सुनवाई के लिए अपर जिला व सत्र न्यायाधीश 13 की अदालत में स्थानांतरण भी कर दिया.
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