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38 साल बाद इस बार आजादी के साथ मनेगी जन्माष्टमी

14 को शैव और 15 को वैष्णव मनायेंगे 19 साल बाद 2036 में आयेगा यह संयोग पटना : इस बार आप आजादी के साथ जन्माष्टमी का भी जश्न मना सकते हैं. जन्माष्टमी पर यह संयोग 38 साल बाद आया है जब स्वतंत्रता दिवस और जन्माष्टमी एक ही दिन मनाया जाना है. इससे पहले वर्ष 1979 […]

14 को शैव और 15 को वैष्णव मनायेंगे
19 साल बाद 2036 में आयेगा यह संयोग
पटना : इस बार आप आजादी के साथ जन्माष्टमी का भी जश्न मना सकते हैं. जन्माष्टमी पर यह संयोग 38 साल बाद आया है जब स्वतंत्रता दिवस और जन्माष्टमी एक ही दिन मनाया जाना है.
इससे पहले वर्ष 1979 में स्वतंत्रता दिवस के दिन जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया था. अब ऐसा संयोग 19 साल बाद 2036 में आयेगा. इस बार जन्माष्टमी का पर्व स्मार्त (शैव) व वैष्णव अलग-अलग दिन मनायेंगे. स्मार्त जहां 14 अगस्त को और वैष्णव 15 अगस्त को कृष्ण जन्मोत्सव मनायेंगे.
इस दिन एक खास बात और है कि 15 अगस्त की मध्यरात्रि में कृष्ण जन्म के समय न अष्टमी तिथि होगी और न रोहिणी नक्षत्र. ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मध्यरात्रि अष्टमी की बेला में रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, लेकिन इस बार दोनों ही योग नहीं मिल रहे हैं.
तड़के ढाई बजे प्रवेश करेगा रोहिणी नक्षत्र
रोहिणी नक्षत्र 16 अगस्त को सुबह 2:32 बजे प्रवेश करेगा. पं राजकुमार पांडे के अनुसार इस बार 14 अगस्त की शाम 7ः48 बजे अष्टमी तिथि का प्रवेश है जो मंगलवार शाम 5ः42 बजे तक रहेगी. ऐसे में यह लोग 14 अगस्त को जन्माष्टमी मनायेंगे.
वहीं वैष्णवजन सूर्योदय तिथि अष्टमी वाले दिन यानि 15 अगस्त को कृष्ण जन्मोत्सव मनायेंगे. 15 अगस्त की मध्य रात में कृतिका नक्षत्र में कृष्ण भगवान का जन्म होगा. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह से रात 2:30 बजे तक रहेगा. यह योग श्रेष्ठता लेकर आयेगा.

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