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बाढ़ नहीं, चौर व निचले इलाके में है जलजमाव: अरुण

जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह समेत विभागीय अधिकारियों ने जिलों का किया हवाई सर्वेक्षण पटना : पटना, नालंदा, जहानाबाद, अरवल, गया और औरंगाबाद जिलों में बाढ़ की कोई स्थिति नहीं है. न तो गांवों के घरों में पानी प्रवेश किया है और न ही इससे कोई आबादी या संपत्ति ही प्रभावित […]

जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह समेत विभागीय अधिकारियों ने जिलों का किया हवाई सर्वेक्षण
पटना : पटना, नालंदा, जहानाबाद, अरवल, गया और औरंगाबाद जिलों में बाढ़ की कोई स्थिति नहीं है. न तो गांवों के घरों में पानी प्रवेश किया है और न ही इससे कोई आबादी या संपत्ति ही प्रभावित हुई है. गांवों के चौर व निचले इलाकों में जलजमाव है. जल संसाधन विभाग ने इसका दावा किया है.
बुधवार को विभाग में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि मंगलवार को जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह समेत विभागीय अधिकारियों ने इन जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया. इसमें पता चला कि नदियों के अगल-बगल के क्षेत्रों में पइन के जरिये पानी का फैलाव हुआ है, लेकिन बाढ़ की स्थिति नहींहै. दक्षिण बिहार व झारखंड में ज्यादा बारिश होने की वजह से फल्गु व दरधा नदी के पानी में अचानक बढ़ोतरी हुई है.
इसकी सहायक नदियों धोवा, मोरहर, महतमाइन व लोकाइन के जल स्तर में भी वृद्धि हुई है. इससे फतुहा प्रखंड के सिरपतपुर गांव के पास ओवर टॉपींग के कारण धोवा नदी पर बांया ग्रामीण बांधी में लगभग 10 मीटर का कटाव हो गया था. इस कटाव को जल संसाधन विभाग ने बंद किया. उन्होंने कहा कि दरधा नदी के जलस्तर बढ़ने से पटना के धनरुआ प्रखंड के सांडा पंचायत के सिताचक व चनाकी के पास पानी के ओवर टॉप होने से बांध क्षतिग्रस्त हो गया. यह बांध जल संसाधन विभाग का नहीं है, फिर भी उसकी मरम्मत करायी गयी.
वहीं, फल्गु नदी के लोकाइन, महतमाइन व धोवा नदी के जल स्तर में बढ़ोतरी से फतुहा के दनियावां सड़क के अगल-बगल पानी का फैलाव हुआ है और एनएच 30 ए व स्थानीय सड़कों पर पानी का बहाव हुआ है. प्रधान सचिव ने बताया कि मतमाइन व इसकी सहायक नदी कठौतिया में पानी तेजी से आया, लेकिन इसका बहाल तेजी से नहीं हो सका. इसके कारण निमी-सलारपुर ग्रामीण बांध में 20 मीटर लंबाई तक टूट गया, जिसकी मरम्मत विभाग करवा रहा है.
प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि नालंदा, जहानाबाद व पटना में 374 जमींदारी बांध हैं. इसकी मरम्मत का जिम्मा जल संसाधन विभाग का है और इस पर काम भी हुआ है.
इसके अलावा पंचायत, प्रखंड या जिला प्रशासन के अधीन भी कई बांध है, जिसके रख-रखाव की जिम्मेदारी उनकी है. ऐसे गांव व पंचायत के तटबंध टूटने पर उसकी मरम्मत उन्हें करानी चाहिए. 374 जमींदारी बांध के अलावा कुछ प्रमुख नदियों पर जो बांध नहीं बनाया जा सका था और उन नदियों में लगातार पानी बढ़ रहा है, विभाग वहां बांध बनवायेगा.
कई जगहों पर कटाव होता है और उसकी मरम्मत करायी जाती है, लेकिन फिर दूसरी जगह कटाव होने लगती है. उन्होंने बताया कि कई नदियों के जल स्तर में बढ़ोतरी हुई थी और वे खतरे के निशान से ऊपर भी हुई थी, लेकिन अब उनका जल स्तर तेजी से घट रहा है. पुनपुन नदी को छोड़कर सभी नदियों का जलस्तर तेजी से घट रहा है. वहीं, गंगा खतरे के निशान से अभी नीचे हैं,लेकिन उसके जल स्तर में बढ़ोतरी हो रही है. विभाग बाढ़ से मुकाबले को मुस्तैदी से तैयार है, लेकिन फिलहाल ऐसी कोई स्थिति नहीं है.

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