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राजद की चेतावनी :मुख्यमंत्री के इस्तीफे तक नहीं चलने देंगे सदन

बिहार के भजन लाल हैं नीतीश कुमार, कतार में लग कर वोट करनेवाले मतदाताओं को दिया गया धोखा पटना : महागठबंधन में टूट के बाद बौखलाये राजद ने स्पष्ट कर दिया है कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफा देने तक विधानमंडल की कार्यवाही नहीं चलने देगा. राजद के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह ने शुक्रवार […]

बिहार के भजन लाल हैं नीतीश कुमार, कतार में लग कर वोट करनेवाले मतदाताओं को दिया गया धोखा
पटना : महागठबंधन में टूट के बाद बौखलाये राजद ने स्पष्ट कर दिया है कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफा देने तक विधानमंडल की कार्यवाही नहीं चलने देगा. राजद के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने सेकुलर मेंडेट के साथ विश्वासघात किया है.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के पाला बदलने से कतार में लगकर वोट करनेवाले मतदाताओं के साथ धोखा हुआ है. इस परिस्थिति में उनके इस्तीफा देने तक सदन नहीं चलने दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि राजद व कांग्रेस को मिल कर सदन में राजद के पास 124-125 विधायकों की कमान है. आगे भी मुख्यमंत्री को सदन में इस संख्या के आगे कोई भी कानून पास कराना मुश्किल होगा. श्री सिंह ने अब्दुल बारी सिद्दीकी, राम चंद्र पूर्वे व मनोज झा के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि हरियाणा में भजन लाल के उदाहरण को नीतीश कुमार ने दोहराया है.
राजद नेताओं ने कहा कि नीतीश कुमार ने जीरो टोलरेंस का विषय बनाकर इस्तीफा दिया. राजद ने उनको स्वीकार किया था. पर देश का कोई ऐसा मुख्यमंत्री नहीं है जो 302 व 307 का मुजरिम होते हुए कुर्सी पर बैठे हैं.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब महागठबंधन की सरकार बनी थी, तो लालू प्रसाद को निचली अदालत से सजा मिल चुकी था. लेकिन, वह बेदाग छवि की बात कर रहे तो वह खुद कहां बेदाग हैं. लालू आरोपी हैं तो नीतीश कुमार भी आरोपी हैं. इसलिए यह मामला उठाया जा रहा है. राजद नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके डीएनए पर सवाल उठाया था. अपराध शायद उनके चरित्र में है. जिसका चरित्र गिरा होता है वह अपने को आड़ में रखता है.
उनके साथ आरोपितों में दुलाल चंद यादव और दिलीप सिंह शामिल थे. अब्दुलबारी सिद्दीकी ने कहा कि वह 17 साल जिसके साथ थे, वहीं चले गये. नीतीश कुमार कहते थे कि मिट्टी में मिल जायेंगे पर भाजपा के साथ नहीं जायेंगे. पर नीतीश कुमार ने सुनियोजित तरीके से एक ड्रामा का पटाक्षेप किया है. इससे उनका दामन नंगा हुआ है. अगर नीतीश कुमार को अपनी शक्ति पर विश्वास था तो वह महागठबंधन की बैठक बुलाते. पर उनकी तुमाफेरी की आदत नहीं गयी है. अगर उनको 20 माह की सरकार रास नहीं आयी तो वह जनता से माफी मांग लेते. जिस पार्टी को जनता ने रिजेक्ट कर दिया उस पार्टी के साथ सरकार बन गयी. राजद विश्वासमत के दौरान उन बातों को याद दिलाएगा.
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि गांधी के चंपारण शताब्दी वर्ष में नीतीश कुमार हे राम कहते-कहते जय श्रीराम की गोद में चले गये. महागठबंधन को जनता जो मेंडेट दिया था, उसमें आरक्षण का विस्तार होना था. विधानसभा चुनाव में मेंडेट नागपुर के लिए नहीं हुआ था. राजद इस सरकार को चैन से कुकृत्य नहीं करने देगी. इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष राम चंद्र पूर्वे, मीडिया प्रभारी प्रगति मेहता, मुंद्रिका सिंह यादव, चितरंजन गगन मौजूद थे.

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