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नोटबंदी नक्‍सली और जन-धन खाते का कनेक्‍शन

पटना : बिहार में नक्सलियों का सफाया जड़ से करने के लिए इनके खिलाफ प्रशासनिक के साथ-साथ आर्थिक स्तर पर भी कार्रवाई शुरू हो गयी है. आने वाले दिनों में नक्सलियों के पूरे लेवी वसूली से लेकर पूरे अर्थतंत्र को नेस्तनाबूद करने के लिए व्यापक रणनीति तैयार की गयी है. इसमें सशस्त्र बलों के अलावा […]

पटना : बिहार में नक्सलियों का सफाया जड़ से करने के लिए इनके खिलाफ प्रशासनिक के साथ-साथ आर्थिक स्तर पर भी कार्रवाई शुरू हो गयी है. आने वाले दिनों में नक्सलियों के पूरे लेवी वसूली से लेकर पूरे अर्थतंत्र को नेस्तनाबूद करने के लिए व्यापक रणनीति तैयार की गयी है. इसमें सशस्त्र बलों के अलावा आयकर और इडी (प्रवर्तन निदेशालय) को भी शामिल किया गया है.
नोटबंदी के बाद आयकर विभाग ने राज्य में 689 ऐसे जन-धन बैंक खातों की पहचान की है, जिनमें दो लाख रुपये या इससे ज्यादा जमा किये गये हैं. इनमें अधिकांश ऐसे खातें हैं, जो खुलने के बाद आज तक एक्टिव ही नहीं हुए थे. परंतु नोटबंदी की घोषणा होने के बाद अचानक ही इनमें लाखों रुपये जमा कर दिये गये हैं. इसमें अब तक करीब 300 बैंक खातों को सीज कर दिया गया है. इनमें जमा किये रुपये का खाता धारक हिसाब ही नहीं दे पाये हैं. फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है.
जांच में यह बात भी सामने आयी है कि 689 में लगभग 30 फीसदी खातें ऐसे हैं, जिनका संबंध नक्सलियों से होने की आशंका जतायी जा रही है. इस मामले में गहन जांच चल रही है. परंतु गया, जमुई, मुजफ्फरपुर जिलों में अब तक दर्जनों खातों के बारे में आयकर महकमा को स्पष्ट प्रमाण मिले हैं कि ब्लैक से व्हाइट करने की जुगत में इनमें नक्सलियों के रुपये जमा किये गये हैं.
फिलहाल आयकर विभाग ने इन खातों में लेनदेन पर रोक लगा रखी है और जमा रुपये की जांच चल रही है.इसमें कई मामले एेसे हैं, जिसमें खाता धारक को उनके बैंक खाता में जमा हुए रुपये के बारे में पता ही नहीं है. कुछ को पता तो है, लेकिन वे इन रुपये का सही स्रोत नहीं बता पा रहे हैं. फिलहाल ऐसे सभी लोगों से पूछताछ चल रही है. आयकर विभाग की एक विशेष टीम इस मामले की जांच में जुटी हुई है. इसके अलावा इडी ने अपने पहले चरण की कार्रवाई के तहत सभी बड़े नक्सली नेताओं की संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. फिलहाल दो कुख्यात नक्सली कमांडर प्रदूमण शर्मा और संदीप यादव के खिलाफ इसीआइआर दर्ज कर इनकी तमाम अवैध संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.अब दूसरे चरण में आठ अन्य टॉप नक्सली कमांडर की भी संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है.
लेवी नेटवर्क ब्लॉक करना फोकस
नक्सलियों की अवैध संपत्ति को जब्त करने में आयकर और इडी कार्रवाई कर रही है, तो दूसरी तरफ इनके लेवी नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए सीआरपीएफ और एसटीएफ खासतौर से अभियान चला रखा है. इसके लिए इन्होंने संयुक्त रूप से एक रणनीति भी तैयार की है. जिन स्थानों, ठेकेदारों या संस्थानों को ये लेवी के लिए टारगेट करते रहे हैं या लगातार वसूलते रहे हैं. उनकी जानकारी एकत्र की गयी है, ताकि सशक्त कार्रवाई की जा सके. किस एरिया कमांडर के पास लेवी वसूली के लिए कहां तक का क्षेत्र है. इसकी भी पूरी जानकारी एकत्र की गयी है. एक अनुमान के अनुसार, 300-350 करोड़ सालाना की लेवी नक्सली वसूलते हैं.
प्रशासनिक कार्रवाई होगी ज्यादा तेज
नक्सलियों के खिलाफ सभी प्रभावित जिलों जमुई, लखीसराय, गया, औरंगाबाद समेत अन्य में सुरक्षा बलों की तरफ से जोरदार अभियान चलेगा. सीआरपीएफ की कोबरा, एसटीएफ समेत अन्य सुरक्षा बल की तरफ से व्यापक स्तर पर सर्च अभियान चलाया जा रहा है. बरसात के मौसम में नक्सलियों के खिलाफ सर्च और एक्शन की कार्रवाई तेज कर दी गयी है.

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