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रांची से पटना आ रहा विमान हुआ हाइजैक

पटना: हाथ में इन्सास और स्टेनगन लिये सीआइएसएफ की नौ लोगों की टुकड़ी अचानक रनवे की तरफ रेंगते हुए बढ़ने लगी. देखने से ऐसा लग रहा था मानों कोई बड़ा शत्रु आ गया है, जिससे पूरी घेराबंदी के साथ निबटने का प्रयास किया जा रहा है. हथियारबंद जवानों ने रेंगते हुए रनवे के पहुंच पथ […]

पटना: हाथ में इन्सास और स्टेनगन लिये सीआइएसएफ की नौ लोगों की टुकड़ी अचानक रनवे की तरफ रेंगते हुए बढ़ने लगी. देखने से ऐसा लग रहा था मानों कोई बड़ा शत्रु आ गया है, जिससे पूरी घेराबंदी के साथ निबटने का प्रयास किया जा रहा है. हथियारबंद जवानों ने रेंगते हुए रनवे के पहुंच पथ पथ पर खड़े एक बस को घेर लिया.

इसी के साथ वाकी टॉकी पर चार्ली रिपोर्टिंग, चार्ली ओवर, जैसे शब्द सुनाई देने लगे. बातचीत से लग रहा था कि रांची से पटना आनेवाले दमानिया एयरलाइंस के किसी अपह्त विमान की घेराबंदी की गयी है. रनवे के पास जब यह सब चल रहा था उसी दरम्यान एयरपोर्ट के टर्मिनल भवन में राज्य व जिला प्रशासन के बड़े अधिकारियों आना शुरू हो गया. एयरपोर्ट के निदेशक व सीआइएसफ के कमांडेट समेत 15-20 लोगों की टीम टर्मिनल भवन के एक कमरे में मंत्रणा कर रही थी. थोड़े देर बाद मालूम हुआ कि यह सब एक मॉक ड्रिल का हिस्सा था, जो शनिवार को हाइजैकिंग से निबटने के लिए चला.

साल में एक मॉक ड्रिल जरुरी : हर साल इस तरह का एक मॉक ड्रिल करना जरूरी है. सीआइएसएफ के कमांडेंट धरमवीर यादव ने बताया कि मॉक ड्रिल में डीजीपी पीके ठाकुर, एडीजी स्पेशल ब्रांच आलोक राज, संयुक्त निदेशक एसआइबी विवेक श्रीवास्तव, सिटी एसपी चंदन कुशवाहा समेत एरोड्राम कमेटि के सारे अधिकारी 20 से 40 मिनट के भीतर आ गये और मॉक ड्रिल में प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप रही.
एरोड्राम समिति पर निबटने का दायित्व : प्लेन हाइजेकिंग की स्थिति में व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी 20 लोगों की एरोड्राम समिति पर होती है. इसमें डीजीपी, गृह सचिव, जैसे राज्य के शीर्षस्थ अधिकारियों के साथ डीएम, एसएसपी जैसे जिला प्रशासन के वरीय अधिकारी भी शामिल होते हैं.
इसमें एयरफोर्स के अधिकारी भी शामिल होते हैं. साथ ही हाइ जैकर आतंकवादियों को उलझाने के लिए मनोवैज्ञानिक और निगोसिएटर भी एरोड्राम समिति में शामिल किये जाते हैं. किसी तरह की घटना होते साथ इन सबको टर्मिनल भवन मे बने एंटी हाइजेकिंग कंट्रोल रूम में उपस्थित होना होता है, जहां सिविल एविएशन की सुरक्षा समिति के मार्गदर्शन में ये समस्या से निबटने का तरीका ढूंढते हैं.
20-40 मिनट में पहुंचे अधिकारी : सीआइएसएफ के कमांडेंट धरमवीर यादव ने बताया कि मॉक ड्रिल में डीजीपी पीके ठाकुर, एडीजी स्पेशल ब्रांच आलोक राज, संयुक्त निदेशक एसआइबी विवेक श्रीवास्तव, सिटी एसपी समेत एरोड्राम कमेटी के सारे अधिकारी 20 से 40 मिनट के भीतर आ गये.

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