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एनआरआइ से ठगी में तीन धराये
क्राइम. वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर के जरिये एकाउंट में मंगाते थे डॉलर पटना में बैठ कर करोड़ों की लगा चुके हैं चपत पटना : पटना में बैठ कर यूएसए में मौजूद एनआरआइ से ठगी करने वाले गैंग के तीन सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने पाटलिपुत्र में मौजूद चंद्रावती इनक्लेव के थर्ड […]
क्राइम. वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर के जरिये एकाउंट में मंगाते थे डॉलर
पटना में बैठ कर करोड़ों की लगा चुके हैं चपत
पटना : पटना में बैठ कर यूएसए में मौजूद एनआरआइ से ठगी करने वाले गैंग के तीन सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने पाटलिपुत्र में मौजूद चंद्रावती इनक्लेव के थर्ड फ्लोर पर संचालित एनआरआइ प्लाजा में छापेमारी की.
यहां से ऑल वॉयस टेक कम्यूनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड के मालिक आशीष गुप्ता को गिरफ्तार किया है, जबकि कुमार काॅमर्शियल में मौजूद डोमेस्टिक एंड इन्फॉर्मेशन कॉल सेंटर में छापेमारी की. यहां कॉल सेंटर के मैनेजर रवींद्र एवं विक्रांत को गिरफ्तार किया गया, जबकि कंपनी के मालिक अभिजीत रंजन और सन्नी कार्यालय से फरार हो गये. पुलिस ने 34 कंप्यूटर मॉनीटर, 35 सीपीयू, तीन लैपटॉप, नौ मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड, चेक बुक, कंप्यूटर उपकरण बरामद किया है. इस दौरान कंपनी के मालिक आशीष गुप्ता शराब पी रहे थे. उन्हें शराब की बोतल के साथ गिरफ्तार किया गया है.
डीओबी अपडेट कराने के नाम पर 600 से 1000 डॉलर
एनआरआइ प्लाजा में मौजूद ऑल वायस टेक कम्यूनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से संचालित इस कंपनी में काम करने वाले लोग इमीग्रेशन थ्रो विथपेज डॉट कॉम से एनआरआइ की जानकारी लेते थे. ऐसे एनआरआइ जो हाल के दिनों में भारत से यूएसए आये और गये हों.
इन लोगों से डीओबी अपडेट, अन्य तरह के डेटा सुधार के लिए एनआरआइ को झांसे में लेते थे. सुधार करने के नाम पर 600 से 1000 डॉलर की डिमांड करते थे. अंगरेजी में बात करते थे और पेनाल्टी का चार्ज जानने के लिए सीनियर को कॉल ट्रांसफर कर देते थे.
35 प्रतिशत देते थे कमीशन : पेनाल्टी चार्ज के रूप में ठगी गयी रकम को यूएसए से वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर के माध्यम से बैंक एकाउंट में मंगाया जाता था. इसके लिए ये लोग वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर को 35 प्रतिशत धनराशि देते थे. इस गैंग ने अब तक हजारों लोगों से ठगी की है. ये लोग अब तक करोड़ों रुपये एनआरआइ से वसूल चुके हैं.
ये हुए गिरफ्तार
आशीष गुप्ता, कहलगांव, काजीपुरा भागलपुर. पटना में शास्त्री नगर के सांईं अपार्टमेंट, फ्लैट संख्या 510. विक्रांत, लालगंज वैशाली. पटना में पाटलिपुत्र का सत्यम अपार्टमेंट, फ्लैट नंबर 102. रवींद्र कुमार, कमलीगंज, कहलगांव, भागलपुर.
ऐसे करते थे ठगी
ऑल वॉयस टेक कम्यूनिकेशन प्राइवेट लिमिडेट के लोग एनआरआइ का पर्सनल डिटेल लेने के बाद उन्हें फोन करते थे. फोन रिसीव होने पर बताते थे कि वे इन्फॉर्मेशन डिपार्टमेंट से बोल रहे हैं. विदेश यात्रा के दौरान जो जानकारी दी गयी है उसके क्लीयरेंस वेरिफिकेशन के लिए कॉल किया गया है.
इसके बाद टूर के दौरान जो जानकारी दी गयी है, उसमें छोटी-छोटी गलतियों को चिह्नित कर बताया जाता था. इसके बाद सुधार करने के लिए सजेस्ट करते थे और पेनाल्टी का चार्ज बताने के लिए सीनियर को कॉल ट्रांसफर करते थे. इसके बाद लोग झांसे में आकर वेस्टर्न यूनियन के जरिये पैसा भेजते थे. वहीं कुमार कॉमर्शियल में संचालित कॉल सेंटर के लोग भी टेक्निकल एंड मेंटेनेंस डिपार्टमेंट का नाम लेकर कॉल करते थे. फिर ठगी करते थे.
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