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रोबोट करायेगा लकवा के मरीजों को एक्सरसाइज
पटना एम्स : पीएमआर विभाग के प्रस्ताव पर एम्स प्रशासन ने दी सहमति, लगभग 2.5 करोड़ रुपये में लगेगा रोबोट, फिजियोथेरेपिस्ट करेंगे मदद आनंद तिवारी पटना : लकवा, सेरेब्रल पाल्सी और रीढ़ की हड्डी की चोट के कारण हाथ व पैरों के बेकार होने से लाचार जिंदगी जी रहे मरीजों के लिए राहत भरी खबर […]
पटना एम्स : पीएमआर विभाग के प्रस्ताव पर एम्स प्रशासन ने दी सहमति, लगभग 2.5 करोड़ रुपये में लगेगा रोबोट, फिजियोथेरेपिस्ट करेंगे मदद
आनंद तिवारी
पटना : लकवा, सेरेब्रल पाल्सी और रीढ़ की हड्डी की चोट के कारण हाथ व पैरों के बेकार होने से लाचार जिंदगी जी रहे मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), पटना ने ऐसे मरीजों की फिजियोथेरेपी के लिए रोबोट स्थापित करेगा. इससे मरीज के लकवाग्रस्त अंग की फिजियोथेरेपी हो सकेगी. रोबोट की मदद से मरीज को चलाया भी जायेगा.
एम्स के डिपार्टमेंट ऑफ फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन (पीएमआर) ने यह प्रस्ताव तैयार किया है. जिस पर एम्स प्रशासन ने सहमति दे दी है. रोबोट की कीमत लगभग 2.5 करोड़ रुपये होगी. अस्पताल में यह सुविधा इस साल के अंत तक शुरू करने का लक्ष्य विभाग ने निर्धारित किया है.
पीएमआर विभाग में लगेगा रोबोटिक गेट ट्रेनर : डिपार्टमेंट ऑफ फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन (पीएमआर) में रोबोटिक गेट ट्रेनर लगाया जायेगा. ऐसे मरीज जिनके सिर में चोट, सेरेब्रल पाल्सी, चलने-फिरने में दिक्कत या फिर चलने में जन्मजात दिक्कत व रीढ़ की हड्डी की चोट के कारण लकवा मार दिया हो, ऐसे मरीजों की फिजियोथेरेपी की व्यवस्था होगी. इस तकनीक के आ जाने से रोबोट ही मरीज को चलायेगा. हालांकि, ट्रेनिंग फिजियोथेरेपिस्ट की देख-रेख में ही होगी.
रोबोट मरीजों को करेगा मदद :
एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि रोबोटिक गेट ट्रेनर नाम की इस मशीन से लकवा ग्रस्त अंग को चलाया जाता है. इससे मरीज को अचानक इलाज के बाद सुरक्षित तरीके से चलने में मदद मिलती है. रोबोट मरीज को सही तरीके से कदम रखने में भी मदद करता है. इससे मांसपेशियों को भी ताकत मिलती है. शरीर काे बैलेंस बनाने में मदद मिलती है. लगातार ट्रेनिंग से मरीज के पुनर्वास में यह सहायक सिद्ध होता है.
क्या कहते हैं अधिकारी
पीएमआर विभाग में रोबोटिक गेट ट्रेनर लगाया जायेगा. दिल्ली, लखनऊ, मुंबई आदि शहरों में यह सफलतापूर्वक काम कर रहा है. इस मशीन से लकवा ग्रस्त अंग को चलाया जायेगा. विभाग के इस प्रस्ताव पर अस्पताल प्रशासन की सहमति मिल गयी है. इससे मरीजों को काफी सहूलियत होगी.
डॉ संजय पांडे, हेड, पीएमआर विभाग, एम्स पटना
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