हेल्पेज इंडिया ने विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार दिवस पर पेश की रिपोर्ट
पटना : कभी जो बुजुर्ग हमारे परिवार की रीढ़ होते थे, जो कभी सम्मान के पात्र होते थे, जिनके अनुभव हमारे लिए थाती होते थे आज वे उपेक्षित हैं. हमारे समाज में आज बुजुर्गों का अपमान किया जा रहा है. आज की परिस्थिति में वे समाज में एकाकी और अलग-थलग जीवन जी रहे हैं. ये बातें विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि सेवानिवृत न्यायाधीश राजेंद्र प्रसाद ने कहीं.
बीआइए सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने आगे कहा कि हेल्पेज इंडिया की रिपोर्ट और समाज में उनकी स्थिति को देखने से स्पष्ट हो रही है कि बुजुर्गों की दशा दयनीय है और इसके लिए नेताओं, पदाधिकारियों या न्यायिक तंत्र से बहुत उम्मीद नहीं करनी चाहिए.
इसे बुजुर्गों और आज की युवा पीढ़ियों को एक साथ मिल कर और आपस में सहयोग बढ़ा कर करना होगा. मेरा सुझाव है कि आज के युवा फिर से मातृदेवो भव, पितृदेवो भव की परंपरा को फिर से आगे बढ़ाएं और बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना शुरू करें, तो बुजुर्ग एवं युवा दोनों वर्ग की समस्याओं का समाधान हो सकेगा.
प्रसिद्ध गांधीवादी चिंतक डाॅ रजी अहमद ने पुरानी परंपराओं और पंच परमेश्वर के सिद्धांत पर होनेवाली भारतीय न्याय व्यवस्था को अंगरेजों के आगमन के साथ खत्म होने और उसकी जगह पर नयी कानून व्यवस्था में बेटी एवं बहू में फर्क करने की पारिवारिक एवं सामाजिक व्यवस्था को भी इसके लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार बताया. कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में हेल्पेज इंडिया के राज्य प्रमुख गिरीश चंद्र मिश्र ने जानकारी दी कि हेल्पेज इंडिया द्वारा अभी हाल में भारत के 19 छोटे–बड़े शहरों में 4615 बुजुर्गों के बीच किये गये अध्ययन में आये आंकड़े वाकई में डरानेवाले हैं.