उन्होंने कहा कि क्या सीएम श्वेतपत्र जारी कर बतायेंगे कि दूसरा कृषि रोड मैप (2012-17) क्यों विफल हो गया. समर्थन मूल्य चाहे जितना भी निर्धारित कर दिया जाये अगर सरकार किसानों से उनकी उपज खरीदेगी ही नहीं तो किसानों को लाभ कैसे मिलेगा. बिहार में इस साल 90 लाख टन धान की पैदावार हुई. मगर, सरकार मात्र 18 लाख टन की खरीद ही कर पायी. किसानों को औने-पौने दाम पर धान बेचने के लिए विवश होना पड़ा. अगर सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमा कंपनियों के कार्यकलाप से संतुष्ट नहीं है तो उसे अपनी बीमा कंपनी खोल कर किसानों के बीमा करने से कौन रोका है.
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सीएम नीतीश बताएं कृषि विकास की योजना फेल क्यों : सुशील मोदी
पटना. भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सवालिया लहजे में कहा है कि सीएम नीतीश कुमार बताएं कि कृषि कैबिनेट को क्यों भंग कर दिया गया. सात निश्चय में कृषि क्यों नहीं शामिल है. कृषि के बजट में भारी कटौती क्यों कर दी गयी है. चुनावी साल में धान खरीद […]
पटना. भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सवालिया लहजे में कहा है कि सीएम नीतीश कुमार बताएं कि कृषि कैबिनेट को क्यों भंग कर दिया गया. सात निश्चय में कृषि क्यों नहीं शामिल है. कृषि के बजट में भारी कटौती क्यों कर दी गयी है. चुनावी साल में धान खरीद पर किसानों को दो सौ रुपये बोनस देने वाली सरकार ने इस साल एक पैसा भी क्यों नहीं दिया. डीजल अनुदान, कृषि यांत्रिकरण, किसान पाठशाला जैसी सारी योजनाएं बुरी तरह से फेल क्यों हो गयी.
मोदी ने कहा कि कृषि ऋण के ब्याज पर केंद्र सरकार पांच प्रतिशत अनुदान देती है. जिसके कारण किसानों को मात्र चार फीसदी ब्याज ही देना पड़ता है. मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा आदि कई राज्यों की सरकारें किसानों को ब्याजरहित कर्ज देती है. एनडीए की सरकार के दौरान बिहार के किसानों को भी ब्याज पर एक प्रतिशत की सब्सिडी दी गयी थी जो पिछले तीन साल बंद है. केंद्र सरकार अपनी अनेक योजनाओं से देश के किसानों को लाभान्वित करने के लिए प्रयासरत है. क्या किसान हितों की चिंता करने की जिम्मेवारी राज्य सरकारों की नहीं है.
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