बासा कैडर के पदाधिकारियों का कैडर रिव्यू करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित, अभी 17 से 20 साल बाद मिल रही प्रोन्नति
राज्य में बिहार प्रशासनिक सेवा (बिप्रसे या बासा) कैडर के अधिकारियों को समय पर प्रोन्नति नहीं मिल पा रही है. हालत यह है कि वर्ष 1997, 1999 और 2000 बैच के अधिकारी इस वर्ष जून-जुलाई महीने में जाकर डिप्टी सेक्रेटरी बनने जा रहे हैं. जबकि नियमानुसार 17 से 20 साल की सेवा के बाद इन अधिकारियों को विशेष सचिव बन जाना चाहिए था. इस समस्या से निजात पाने के लिए बासा कैडर का फिर से रिव्यू करने की कवायद तेजी से चल रही है.
इसके लिए मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष कमेटी का गठन किया गया है. यह कमेटी हर स्तर पर बासा कैडर में मौजूद तमाम विसंगतियों की गहन समीक्षा कर रही है. इसके बाद इन्हें दूर करने से संबंधित कैडर रिव्यू का अंतिम आदेश जारी किया जायेगा. हालांकि इससे पहले सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से दो बार कैडर रिव्यू करने से संबंधित प्रस्ताव वित्त विभाग के पास जा चुका है, लेकिन दोनों बार वित्त विभाग ने आपत्ति करके इस प्रस्ताव को लौटा दिया है. अब इस पर अंतिम प्रस्ताव मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तैयार किया जा रहा है.
वर्ष 2010 में हुआ था कैडर रिव्यू
इससे पहले बिप्रसे का कैडर रिव्यू वर्ष 2010 में हुआ था. इस दौरान बासा के स्वीकृत पदों को घटाकर 851 कर दिया गया. जबकि, इस कैडर में स्वीकृत कर्मियों की संख्या 1600 है. इस बदलाव के बाद से कनीय स्तर पर बिप्रसे के पदाधिकारियों की प्रोन्नति बाधित होने लगी. इसी का नतीजा है कि वर्ष 1997 से 2000 बैच तक के अधिकारियों को इस वर्ष के जून-जुलाई में डिप्टी सेक्रेटरी रैंक में ही प्रोन्नति होने जा रही है. जबकि, 17 से 20 साल की सेवा के बाद इनकी प्रोन्नति विशेष सचिव रैंक में हो जानी चाहिए थी.
यह समाधान करने की तैयारी
कैडर रिव्यू के बाद विशेष सचिव, संयुक्त सचिव, अपर सचिव समेत अन्य पदों की संख्या को बढ़ाने का प्रस्ताव है. वर्तमान में विशेष सचिव, संयुक्त सचिव और अपर सचिव के स्वीकृत पदों की संख्या 203 है. इसमें करीब 20 फीसदी की बढ़ोतरी करने पर विचार किया जा रहा है.
इससे कनीय पदाधिकारियों को समय पर प्रोन्नति मिलने में काफी सहूलियत होगी. किसी को सालों तक वेटिंग नहीं करना पड़ेगा.
बिप्रसे के पदाधिकारियों का प्रत्येक वर्ष आइएएस कैडर में भी प्रोन्नति नहीं होने से सीनियर स्तर पर पद खाली नहीं हो पा रहे हैं और इस वजह से भी कनीय पदाधिकारियों की प्रोन्नति बाधित हो रही है.
वर्तमान में वर्ष 2013 से अभी तक आइएएस कैडर में प्रोन्नति नहीं हुई है. वर्ष 2013 में 13, 2014 में 19 और 2015 में 8 पदों की रिक्ति है. इसके बाद के वर्षों का अभी लॉग यूपीएससी ने तैयार नहीं किया है. इस तरह बिप्रसे से आइएएस कैडर में प्रोन्नति की 2013 से 2015 तक 40 पदों की रिक्ति बरकरार है. इन्हें भी अगर भरा दिया जाये, तो बड़ी संख्या में बिप्रसे के कनीय पदाधिकारियों को प्रोन्नति का लाभ मिलेगा.